स्वागत हे वसंत
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स्वागत हे वसंत |
सब अलिकुल अब वाद्य यंत्र बजाओ।
खग शिखि समूह अब नृत्य दिखाओ।।
आम्रमंजरियों का मुकुट पहनाओ।।
देखो ऋतुओं का राजा बसंत आया।
सरसों के पीले गालों को देखो।
गेहूँ के रसवन्ती, बालों को देखो।
फूलों के मकरन्दी धारा को देखो।।
देखो ऋतुओं का राजा बसंत आया।
राधे-श्याम का जो मिलन ऋतु है।
सीता-राम का जो युगल ऋतु है।।
वसंत कवियों का गीत काव्य है।
देखो ऋतुओं का राजा बसंत आया।
आनंद उल्लास का प्रतीक वसंत है।
वसंत पुलकित आनंदित करता सबको।
हे युवा नूतन किसलय से श्रृंगार कर।
देखो ऋतुओं का राजा बसंत आया।
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Season bring you new momentous....
जवाब देंहटाएंNice Poem
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कविता है
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा वसंत का वर्णन किया है
जवाब देंहटाएंNice poem
जवाब देंहटाएंपढ़कर बहुत अच्छा लगा सर
जवाब देंहटाएंVasant ka swagat hai
जवाब देंहटाएंAapne basant ka swagat bakhubi se kiya hai
जवाब देंहटाएंNice poem
जवाब देंहटाएंI also welcome of Vasant
जवाब देंहटाएंA king season of India
जवाब देंहटाएंVasant is King of season
जवाब देंहटाएंWelcome of Vasant is nice poem
जवाब देंहटाएंNice Poem
जवाब देंहटाएंGood
जवाब देंहटाएंGood Quality
जवाब देंहटाएंvery nice vasant
जवाब देंहटाएंvery nice welcome of vasant
जवाब देंहटाएंबोहोत अच्छा लगा
जवाब देंहटाएंVery Good Poem
जवाब देंहटाएंVery Nice
जवाब देंहटाएंVery Nice
जवाब देंहटाएंI Like Spring season
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