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रविवार, 11 मार्च 2018

वशीकरण मंत्र, शाबर मंत्र एवं टोटके

वशीकरण मंत्र, शाबर मंत्र एवं टोटके

            वशीकरण क्या है? अधिकतर लोग यह समझते हैं कि कोई जादू है जिसे करते ही कोई भी वश में हो जायेगा, वस्तुतः यह एक ऐसी क्रिया है जिससे व्यक्त अपने भीतर के प्रभाव को जागृत करता है जिससे आपके सामने जो व्यक्ति आता है वह प्रभावित हो जाता है। इसका प्रयोग दूसरों की भलाई के लिए करना चाहिए, गलत प्रयोग के लिए कदापि नहीं है। वशीकरण के द्वारा हम अपने आत्मविश्वास को सुदृढ करके दूसरे का विश्वास जीतते हैं इससे अपना कारोबार, रोजगार तथा प्यार में सफलता प्राप्त करते हैं। वशीकरण मंत्र किसी पिड़ित व्यक्ति के मन तथा मस्तिक को प्रभावित करता है, तो आइये इसके मंत्र तथा टोटके के बारे में बताते हैं -

1) माता दुर्गा का मंत्र द्वारा वशीकरण - माता दुर्गा की तश्वीर के सामने 11,000 या 1,25,000 (सवा लाख) जप करें। जिसे वश में करना है उसकी तश्वीर अपने मन में रखकर जप करें। नित्य एक माला जप करें। इसके साथ लाल आसन, वस्त्र एवं पुष्प का प्रयोग करें।

1) ज्ञानिनामपि चेतांसिए देवी भगवती ह्री सा।  बलादाकृष्य मोहायए महामाया प्रयच्छति।।

2) ॐ चामुण्डे ज्वल.ज्वल प्रज्वल.प्रज्वल स्वाहा।

3) दासत्व से मुक्ति के लिए - यो मां जयतिए यो मे दर्पं व्यपोहति। यो मे प्रतिबलो लोके स मे भर्ता भविष्यति।

4) शत्रु के विनाश के लिए -

1) क्षणेन तन्महासैन्यं सुराणां तथाम्बिका निन्ये क्षयं यथावहनिस्तृण दारूमहाययम्।

2) गर्ज.गर्ज क्षणं मूढ़ मधु यावत्पिबाम्यहम्। मया त्वयि हतेऽत्रेवए गर्जिष्यन्त्याशु देवतार:।।

5) नाम से वशीकरण करने का मंत्र -

ऊँ हारीम कुरूम पिसचिनी (जिसका वशीकरण करना हो उसका नाम) मं वशियम भवन्ति।

6) किसी स्त्री को वश में करने का मंत्र - किसी भी अमावश्या की रात में स्त्री के बाल ले कर अब निम्न मंत्र का जाप 108 बार करें तत्पश्चात अपने के साथ उसके बाल को जला दें

ऊँ नमः कामाक्षी देवी ;अमुकी द्ध  में वशं कुरु.कुरु स्वाहा

7) एक अपने बाल लें तथा एक स्त्री के बाल (जिसे वश में करना हो) लेकर एक लौंग में लपेट लें उसपर सिंदूर लगा कर एक डिब्बे में रख दें। अब पूर्व दिशा में रूद्राक्ष की माला से मंत्र का जाप करें -

ऊँ  ह्लींम  सुंदरी देवी मम प्रिये आगच्छ.आगच्छ नमः

8) एक अपने बाल लें तथा एक स्त्री के बाल (जिसे वश में करना हो) लेकर निम्न मंत्र का जाप 108 बार करें फिर किसी सुनसान जगह पर जला दें - 

ॐ नमः कामाक्षी देवी में अमुक ; उस स्त्री का नाम जिसे आप वश में करना चाहते हैं द्ध सन क्रु क्रु स्वाहा ।

9) इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति आजीवन वश में रहता है - मंगलवार को निम्न सामग्री - काला कपड़ा, चावल, घी तथा एक मिट्टी का बर्तन तथा जिसे आप वश में करना चाहते है उसके बाल ले। एक हवन कुंड को प्रज्वल्लित करे फिर उसमें हल्दी पिसी हुई तथा स्त्री के बाल जला लें उसके बाद निम्न मंत्र का जाप करें। जब 100 मंत्र हो जाये तो थोड़ा सा चावल एवं घी डाले। अब सारी राख को बर्तन में डाल कर किसी सुनसान या श्मशान में रख आयेें। ध्यान रहे इस विधी को करते हुए कोई न देखे।

काली महाकाली कालिके परमेश्वरी !
सर्वानंदकरी देवी नारायणी नमोस्तुते  !!

10) कामाक्षी वशीकरण मंत्र -

ॐ नमरू कामाक्षी देवी ;कन्या का नामद्ध नारी मे वशं कुरु कुरु स्वाहा।

11) काल-भैरव वशीकरण मंत्र -

ॐ नमो काली भैरव निशि राती काल आया आधा
राती चलती कतार बंधे तू बावन बार पर नारी से राखे
गीर मन पकरि वाको लावे सोवति को जगाय लावे
बैठी को उठाय लावे फुरो मंत्र इश्वरो वाचा।

12) चामुण्डा वशीकरण मंत्र -

ॐ नमो अघोरे ही अघोरे हुं घोर घोरतरे सर्व सर्वे
नमस्ते रूपे हरू ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे विच्चे
नवाक्षार चंडीमात्रेण निमंत्रयेत्तच बलिपुर्वकम्।

13) नमक से वशीकरण -

ॐ नमो भगवती भागम भागी देवी प्यारे (व्यक्ति का नाम) मूझसे वशी करा करा स्वाहा।

14) कामदेव वशीकरण मंत्र -

ॐ कामदेवाय विद्महे, रति प्रियायै धीमहि, तन्नो अनंग प्रचोदयात्

15) कामदेव शाबर मंत्र -

ॐ नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो भवामि यस्य यस्य मम मुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहा।

16) शुक्र मंत्र - 
क) ॐ द्रां द्रीं द्रौं शूक्राय नमः
 ख) ॐ शं सम्मोहनाय फट्।

17) गोरखनाथ वशीकरण मंत्र - 

ओम एक नमक रमता माता, दूसरा नमक विरह से आता।
तीसरा नमक औरी.बौरी, चैथा नमक रहै कर जौरी।
यह नमक अमुक 1 खाए, अमुक 2 को छोड़ दूसरा नहीं जाए।

(1 का मतलब वशीकरण करने वाले तथा 2 का मतलब वशीकरण किये जाने वाले व्यक्ति।)

17) पति वशीकरण मंत्र -

क) ओम र्हीं क्लीं कलिकुंड स्वामिनी अमृत वक्र अमुकं जुमभय मोहय स्वाहा!!
ख) ओम नमो भगवती मातंगेश्वरी सर्व मन रंजनी सर्वषान महातगे कुवरी के नंद नंद जिव्हे सर्व जगत वश्य मानय स्वाहा!!


मोहिनी वशीकरण टोटके -

1) शुभ मुहूर्त में आसन लगाएं तथा बिना हिलेडुले रुद्राक्ष की माला पर निम्नलिखित मंत्र का 11 माला जाप करें-

मोहिनी मोहिनी कहा चली । बाहर खुदाई काम कन चली ।
फलानी फलाने को देखै, जरै मरै ।  मेरे को देखकर पायन पडै ।
छु मंत्र काया एआदेश, गुरु की शक्ती, मेरी भक्ति, फूरो मंत्र ईश्वरो वाचा ॥

2) नित्य सरसो के तेल का दीपक जलाकर 41 दिनों तक निम्नलिखित मंत्र का दो घंटे तक पाठ करें.

तेल तेल गौरी का खेल राजा प्रजा कौन्सल चलके मेरे और मेरे परिवार के
पैरी मेल मन मोहे तन मोहे मोहे सभी शरीर मोहे पंजे पीर
जय फूला कम करे खुल्ला मलंगी तोड़े तंगी

3) स्त्री वशीकरण शाबर मंत्र - 

ॐ भगवती भग भाग दायिनी देव दत्तीं मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा

3) शाबर मंत्र, तिलक द्वारा वशीकरण -

ॐ नमो आदेश गुरु को !राजा मोहुँ द्य प्रजा मोहुँ द्य मोहुँ ब्राह्मण बनियाँ द्य हनुमन्त ब्राह्मण बनियाँ !
हनुमन्त रूप मे जगत मोहूँ ! तो रामचन्द्र परमाणियाँ ! गुरु की शक्ति ! मेरी भक्ति ! फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा !

4) चमेली के तेल से शाबर वशीकरण -

ॐ नमो मन मोहिनी द्य मोहिनी चला, गैर के मस्तक धरा, तेल का दीपक जला, जल मोहुँ , थल मोहुँ, मोहुँ सारा जगत, मोहिनी रानी जा शैया पै ला , न लाये तो गौरा पार्वती की दुहाई, लोना चमारिन की दुहाई, नहीं तो वीर हनुमान की आन

चमेली के तेल को एक डब्बे में रख लें उपरोक्त मंत्र का जाप 7 बार करे तथा हा बार तेल पर फुंक मारें। अब इस तेल को जिस स्त्री को वश में करना हो उस पर छिड़क दें।

5) आँखों से शाबर वशीकरण मंत्र -

एं भग भुगे भगनी भागोदरि भगमाले यौनि भगनिपतिनि सर्वभग संकरी भगरूपे नित्य क्लै भगस्वरूपे सर्व भगानि मे वशमानय वरदेरेते सुरेते भग लिन्कने क्लीं न द्रवे क्लेदय द्रावय अमोघे भग विधे क्षुभ क्षोभय सर्व
सत्वामगेश्वरी एं लकं जं ब्लूं ब्लूं भैं मौ बलूँ हे हे क्लिने सर्वाणि भगानि तस्मै स्वाहा!

 इस मंत्र का जाप करते हुए यदि किसी स्त्री से नजर मिलाई जाये तो वह वशीभूत जो जाती है !

6) पान से शाबर वशीकरण मंत्र -

श्री राम नाम रबेली अकनकबीरी! सुनिए नारी ! बात हमारी !
एक पान संग मंगाय ! एक पान सेज सौं लावै ! मक पान मुख बुलावै !
हमको छोड़ और को देखै तो तेरा कलेजा मुहम्मद वीर चक्खे !

7) सिद्ध शाबर मंत्र - ॐ शिव गुरु गोरखनाथाय नमः 

8) भैरवः पूर्णरूपो हि शंकरः परात्मनः। मूढ़ास्ते वै न जानन्ति मोहिता शिवमायया।

9) ॐ नमोः काल भैरूं काली रात काला चाल्या आध रातए
काला रेत मेरा वीरए पर नारी के राखे सीर बेगी जा छाती धर लाए
सूती हो जो जगाय लाए शब्द सांचा पिण्ड कांचा पफूरो मंत्रा ईश्वरी वाचा।

10) शूकर.दन्त वशीकरण - 

ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं वाराह.दन्ताय भैरवाय नमः।

विधि. ष्शूकर.दन्तष् को अपने सामने रखकर उक्त मन्त्र का होली दीपावलीए दशहरा आदि में १०८ बार जप करे। फिर इसका ताबीज बनाकर गले में पहन लें। ताबीज धारण करने वाले पर जादू.टोनाए भूत.प्रेत का प्रभाव नहीं होगा। लोगों का वशीकरण होगा। मुकदमें में विजय प्राप्ति होगी। रोगी ठीक होने लगेगा। चिन्ताएँ दूर होंगी और शत्रु परास्त होंगे। व्यापार में वृद्धि होगी।

11) हनुमान मोहिनी मंत्र: -

ओम नमो महावीरएहनुमन्त वीर स धाय.धाय चलोएअपनी मोहिनी चलाओएअमुक के नैन बाँधएमन बाँधएकाया बाँध, घर बाँध, द्वार बाँध मेरे लियेएना बाँधे तो मेरी आण.मेरे गुरू की आणएछु वाचापुरी !

आशा करता हुँ कि यह लेख आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगा तथा एक विनती के साथ विदा लेता हुँ कि आप इसका प्रयोग किसी गलत कार्य हुतु न करें यह मंत्र तथा उपाय जनकल्याण के लिए करें।

गुरुवार, 1 मार्च 2018

धन प्राप्ति के अद्भुत उपाय

धन प्राप्ति के अद्भुत उपाय।

            इस लेख का उ़द्देश्य आपको अंध-विश्वास की तरफ ले जाना नही है, न ही इस तरह की कोई मंशा है, यह तो कुछ मित्रों के आग्रह पर अपनी जानकारियाँ आप तक पहुँचाने का प्रयास कर रहा हुँ। यह आपके विवेशीलता और आस्था पर निर्भर करता है कि आप इसका कितना पालन करते हैं और आपको कितनी सफलता मिलती है। वैसे सदियों से इस प्रकार के प्रयास किये जा रहें हैं और सफल भी हुए है। हमारे बड़े-बुजुर्ग, ऋषि-मुनि, ज्ञानी और महापुरूष के कथनानुसार चले आ रहें हैं। उनका कहना है कि धन हर मनुष्य के किस्मत में होता है परन्तु अपने पूर्व जन्म के कर्म तथा वर्तमान जीवन में किसी न किसी गलतियों के वजह या वास्तु दोष के कारण दरिद्र होता है तथा दुःख को भोगता है। 


           स्ंसार में किसे धन की आवश्यकता नहीं होती है, हर व्यक्ति के मन में इच्छा होती है कि उसके व्यापार, नौकरी में तरक्की हो। हर व्यक्ति की कामना होती है कि वह धनवान हो परन्तु ऐसा नहीं होता है। हर कोई लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए उपाय ढूंढता रहता है। किसी व्यक्ति के अथक प्रयास करने पर भी वह निर्धन रहता है और कोई अल्प प्रयास से ही काफी धनवान होता है। आपार धन प्राप्ति के लिए शु़द्ध आचार-विचार का होना बहुत जरूरी है। 

यहाँ मैं आापको धन और लक्ष्मी प्राप्ति के लिए कुछ मंत्र, टोटके, माता लक्ष्मी तथा कुबेर देवता को प्रसन्न करने के उपाय बता रहा हूँ जिससे आपके घर, व्यापार और नौकरी में तरक्की हो और आपार धन की बरसात होने लगेगी। ये मंत्र एवं टोटके दैनिक पूजा-पाठ के दरम्यान कर सकते है तथा सभी घरेलु उपाय हैं जो सरलता घर में उपलब्ध सामाग्री से सम्पन्न कर सकते हैं -

शुक्रवार के दिन शुद्ध होकर घी के दिये जलाकर माता लक्ष्मी की पूजा करें और इस मंत्र का 108 पाठ करें -

1) ऊँ श्रीं श्रीये नमः। (लक्ष्मी मंत्र कमलगट्टे या स्फटिक माला से करें)



2) कृं कृष्णाय नमः। (कृष्ण देवता का मंत्र)




3) ऊँ श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहाः। (कृष्ण देवता का मंत्र)




4) ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय, धन धन्याधिपति धन धान्य समृद्धि मे  देहि      दापय स्वाहाः। (कुबेर देवता का मंत्र)




5) ऊँ हृीं हृीं लक्ष्मी वासुदेवाय नमः। (विष्णु लक्ष्मी मंत्र)




6) ऊँ आं हृीं क्रौं श्री श्रिये नमः ममा लक्ष्मी नाश्य-नाश्य मामृणोŸाीर्ण कुरू      कुरू सम्पदं वर्धय-वर्धय स्वाहाः। (लक्ष्मी मंत्र)




7) पनने पùाक्ष्मी प संभवे तन्मे भजसि पùाक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्।।        (महामंत्र)




8) ऊँ श्रीं हृीं क्लीं श्री सिद्ध हृीं लक्ष्मै नमः। (महामंत्र)


9) ऊँं हृीं श्री क्लीं अर्ह नमः महालक्ष्मै धरणेंद्र पùावती सहिते हूं श्री  ममः।      (महामंत्र)



10) ऊँं हृीं त्रिं हुं फट। (महामंत्र)


11) ऊँ श्रीं, ऊँं हृीं श्रीं, ऊँं हृीं श्रीं विŸोश्र्वरायः नमः। (महामंत्र)  


12) ऊँ श्रीं हृीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्मै अस्माकं दरिद्य्र नाशय प्रचुर धन              देहि देहि क्लीं हृीं श्री ऊँ। (महामंत्र)  


12) ऊँ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।

ऊँ भूरिदा त्यसि श्रुतः पुरून्ना शूरः वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।।              (ऋगवेद)
13) त्वं सिद्धिस्त्वं स्वधा स्वाहा त्वं लोकपावनी। संघ्या रात्रिः प्रभा भूतिर्मेधा          श्रद्धा सरस्वती। यज्ञविद्या महाविद्या गुहृविद्या च शोभने। आत्मविद्या च         देवि त्वं विमुक्तिफलदायिनी।। आन्वीक्षिकी त्रयीवार्ता दण्डनीतिस्त्वमेव          च। सौम्यासौम्यैर्जगदू्रपैस्त्वयैतद्देवि पूरितम।। का त्वन्या त्वमृते देवि            सर्वज्ञयमयं वपुः। अध्यास्ते देवदेवस्य योगचिन्त्यं गदाभृतः।।                         (विष्णृपुराण)

14) कनकधारा स्तोत्र का नित्य पाठ करें।


15) श्री सूक्त का नित्य पाठ करें।


16) लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें।


17) ऊँ नमो भगवती पùावी ऊँं हृीं ऊँं ऊँं पूर्वाय दक्षिणाय उŸाराय                आष पूरय सर्वजन वश्य कुरू कुरू स्वाहा।


18) चंदनस्य महात्पुण्यम् पवित्रं पापनाशनम् आपदां हरते नित्यम् लक्ष्मी            तिष्ठतु सर्वदा। (ज्योतिषिय चंदन मंत्र)


19) महालक्ष्मी च विùहे, विष्णुपत्नि च धीमहि, तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्।                  (गायत्री लक्ष्मी मंत्र)


20) श्री शुक्ले, महाशुक्ले कमलदल निवासे श्री महालक्ष्मी नमो नमः।                  लक्ष्मी  माई सबकी सवाई, आओ चेतो करो भलाई, न करो तो सात              समुद्रों की दुहाई, ऋिद्धि नाथ देवों नै नाथ चैरासी सिद्धों की दुहाई।              (शाबर मंत्र, गुरू गोरखनाथ)


21) ऊँ क्रीं श्रीं चामंुडा सिंहवाहिनी कोई हस्ती भगवती रत्नमंडित सोनन          की माल, उŸार पथ में आप बैठी हाथ सिद्ध वाचा, सिद्धि धन धान्य            कुरू-कुरू स्वाहा। (सवा लाख जप)


22) ऐं श्रीं हृीं कमलवासिन्यै स्वाहा 


इन सब के अलावे माता लक्ष्मी जी की नित्य आरती करें। इन मंत्रों के अलावे कुछ टोटके है जिनके अद्भुत परिणाम प्राप्त होते हैं ।


1) अपने घर के पुर्व तथा दक्षिण के कोना में तुलसी के पौधे लगाएं।


2) अपने घर में मिट्टीयुक्त जगह अवश्य रखें। अगर यह घर के                        बीचो-बीच हो तो अति उŸाम होगा।


3) गुरूवार के दिन किसी सुहागन को सिन्दुर, बिन्दी, लाल चुरी इत्यादि          का दान करें।


4) प्रातः काल उठकर अपने दोनो हथेली का दर्शन करें तथा उसके बाद          4-5 बार अपने चेहरे का स्पर्श करें।


5) मिट्टी के दिये में सरसों तेल डाल कर उसमें एक लौंग डाल कर                  हनुमान जी की आरती करें।


6) लक्ष्मी-विष्णु की मुर्ति अपने घर में स्थापित करें तथा नियमित उनकी            पूजा करें।


7) प्रातः काल उठकर एक लोटा जल अपने घर के मुख्य द्धार पर डाल            दें तथा लक्ष्मी के आगमन का स्वागत करें।


8) एक मिट्टी के बर्तन में सवा किलो हरा मूंग भर लें तथा दूसरे बर्तन में            नमक भर कर घर के किसी ऐसे स्थान में रखें जहाँ आने-जाने वालों            की नजर न पड़े।


9) मुख्य द्वार के आगे सौभाग्य सूचक रंगोली बनाए।


10) जिस घर के सभी सदस्य प्रातः काल विस्तर छोड़कर स्नान इत्यादि से          निवृत होकर पूजा-पाठ करने के बाद अन्न ग्रहण करते हैं वहाँ लक्ष्मी            का वास होता है।


11) संध्या काल (सूर्यास्त हो जाने के बाद) घर में झाडु नहीं लगाना                    चाहिए।


12) दान देना अपने आदत में शामिल करें रोज-रोज किसी न किसी को            कुछ न कुछ दान अवश्य करें।


13) यदि संध्या काल में घर वापस आये तो अपने साथ कुछ न कुछ जरूर          लायें खाली हाथ कभी धर में प्रवेश न करें।


14) आदि काल से यह प्रचलन चला आ रहा है कि व्यापार के लेखाबही में          केसर और हल्दी का छिड़काव अवश्य करें।


15) प्रति शुक्रवार को लक्ष्मी तथा विष्णु भगवान को लाल रंग का फूल                अर्पन करें।


16) अपना झाडु छिपा कर रखें।


17) अपने घर के दिवाल, फर्श इत्यादि में कुछ भी टुटा-फूटा नहीं होना              चाहिए समय-समय पर इसकी मरम्मत करवाते रहें।


18) घर का कोइ नल या पाइप से पानी के रिसाव को बंद कर दें अन्यथा            लक्ष्मी जी आपके घर नहीं रूकने वाली हैं।


19) घर के मुख्य द्वार पर कबाड़ न रखें।


20) घर के तिजोरी या आलमीरा में जहाँ आप धन रखते हैं उसके नीचे              लाल कपड़ा बिछा दें।


21) काले तिल से परिवार के सभी सदस्य को न्योछावर कर के उŸार              दिशा में फेंक दें।


22) ध्यान रखें कि आपके घर का कोई दरवाजा या खिड़की खोलने या              बन्द करने के दरम्यान आवाज तो नहीं कर रहा है यदि ऐसा है तो                उसमेें सरसों का तेल डाल दें।


23) सोमवार तथा शुक्रवार को सफेद चीजों का दान करें जैसे दूध, चीनी,          सफेद वस्त्र इत्यादि।


24) बैंक में पैसा जमा करते समय माता लक्ष्मी के मं़त्र पढें तथा उसकी            बृद्धि की कामना करें।


25) यदि संभव हो तो तिजोरी में सोने का एक वर्गाकार सिक्का रखें।


26) रोजाना कुŸो को दूध पिलायें तथा हर कमरे में मोर का पंख लगावें।


27) माता लक्ष्मी के सामने अखंड तेल का दीप जलायें।


28) नित्य प्रतिदिन चाँदी के दिये में कपूर तथा लौंग डालकर दिये जलायें।


29) घर के मुख्य द्वार पर ओम, स्वास्तिक, त्रिशुल इत्यादि का संकेत होना          चाहिए।


30) घर के मुख्य द्वार के सामने जूते-चप्पल इत्यादि न रखें इससे                        नकारात्मक उर्जा घर में प्रवेश करता है।


31) पूजा-पाठ के बाद माता-पिता के चरणस्पर्श करके आर्शिवाद लेना              चाहिए इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।


32) रात में खाना खाने के बाद जूठे बर्तन न रखें बर्तन साफ करके रसोई          की सफाई के बाद ही सोना चाहिए। 


33) बिस्तर पर या अपने जांघ पर रखकर भोजन कभी नहीं करना चाहिए          इससे लक्ष्मी अप्रसन्न हो जाती हैं।


34) घर में कहीं भी मकड़ी का जाला नहीं होना चाहिए।


35) अपने घर, आॅफिस या दुकान जहाँ काम करते हों उस जगह को                साफ रखना चाहिए।


36) हर सप्ताह शुक्रवार को उपले पर गुगुल जरूर जलाना चाहिए।


37) काली हल्दी को पूजा स्थान पर रखें तथा नियमित धूप-दीप दिखायें              कहीं जाएं तो इसका दर्शन करके जायें कार्य सिद्ध होगा। नकारात्मक          शक्तियाँ दूर होगी।


38) शनिवार को सफाईकर्मी को दान देने से आर्थिक तंगी कम हो                    जायेगी।


39) चीटियों को शक्कर और आटा खिलायें।


40) व्यापार में बृद्धि के लिए एक सफेद झंडा लेकर बुधवार को शुक्लपक्ष          के पहले पीपल के वृक्ष पर लटका दें व्यवसाय दिन-दुना रात-चैगुना            बढता जायेगा।


41) शुक्रवार को दक्षिणवर्ती शंख में जल भरकर भगवान विष्णु को अर्पण          करें लक्ष्मी प्रसंन्न हो जायेगी।


42) शुक्रवार को पाँच पीले कौड़ी, केसर तथा सिक्के बांध कर तिजोरी में            रखें।


43) प्रत्येक शुक्रवार को माता लक्ष्मी के समक्ष घी के दिये जलायें।


44) बुधवार को हरी चीजों का सेवन करें पीला कदापि नहीं इसी प्रकार              बृहस्पतिवार को पीली वस्तु का सेवन करें हरा नहीं।


45) ईशान कोन तथा घर के मुख्य द्वार पर कचरा नहीं रखना चाहिए।


46) घर में खराब तथा बंद पड़ी वस्तु जैसे घड़ी, टीवी इत्यादि न रखें।


47) यदि व्यापार घाटे में चल रहा हो तो बुधवार को पाँच मुट्ठी मूंग हरे                कपड़े में बाँध कर दिन के उजाले में नदी में प्रवाहित करें।


48) किसी से मुफ्त में कोई चीज न लें उसकी कुछ कीमत उसे अवश्य दे।


49) घर में बहते हुए नदी, नटराज इत्यादि की तश्वीर न रखें।


50) स्त्री तथा कन्या को लक्ष्मी का रूप माना गया है इसलिए कभी भी                इनका अपमान नहीं करना चाहिए।


51) घर में पकाया हुआ अन्न कभी बर्बाद नही करना चाहिए इससे                    अन्नपूर्णा अप्रसन्न हो जाती है।


52) किसी दूसरे स्त्री पर गलत नजर न रखें इससे लक्ष्मी अप्रसन्न होती है।


53) जब भी नगद प्राप्त हो तो उसे पूजा के स्थान में रखें इससे धन के                आगमन को योग बनता है।


54) नारियल को चमकीले कपड़े में बांँधकर अपने आलमीरा में या                    तिजारी में रखें।


55) शुक्रवार को सवा सौ ग्राम अरवा चावल और मिश्री समान मात्रा में              सफेद कपउे़ में बाँध कर माता लक्ष्मी की पूजन करें तथा स्थायी रूप          से निवास के प्रार्थना के साथ जल में प्रवाहित करें।


56) तुलसी के पौधे के पास नित्य संध्या काल घी के दिये जलायें।


57) एक सोने का सिक्का तथा एक चाँदी का सिक्का लेकर लाल कपउे़ में        बाँध कर आनाज के वर्तन में रखें उसके बाद गेहुँ या चावल भर दें घर          हमेंशा धन से भरा रहेगा।


58) शुक्रवार को लोहे का बंद ताला दुकान से खरीदें उसे न दुकानदार              खोले न आप, ताला सही है या नहीं यह जानने की कोशिश न करें यह          ताला किसी मंदिर में रख आयें और पलट कर न देंखें जैसे कोई उस            ताला को खोलेगा आपके किस्मत का दरवाजा खुल जायेगा।


59) गुरूवार के दिन आटा में गुड़ मिलाकर गाय को खिलायें।


60) शुक्रवार को केसर, चाँदी के सिक्के, 5 कौड़ी को पीले कपड़े में                  बाँधकर तिजौरी में रखें धन की कमी नहीं होगी।


61) अपनी तिजोरी में कुछ नोट तथा द्रव्य रखें अपने पास भी कुछ नोट              तथा द्रव्य रखें अपने आप को गरीब न समझें एक सकारात्मक उर्जा            उत्पन्न होगा।


62) शुक्रवार को यथासंभव कन्या को खीर का भोजन करायें चीनी के                जगह मिश्री का प्रयोग करें।


63) प्रत्येक शुक्रवार को माता लक्ष्मी के समक्ष घी के दिये जलायें तथा                मिष्ठान को भोग लगाकर प्रसाद सबसे पहले अपने माता, पत्नी बहन            तथा बेटी को खिलायें अंत में स्वयं ग्रहण करें। 


64)  स्नान करने वक्त पैर से पैर नहीं साफ करना चाहिए। शरीर में तेल              लगाने वक्त सबसे पहले पैर में लगाना चाहिए, उसके बाद सर में।              केश में तेल लगाने के बाद बचे हुए तेल को चेहरे में नहीं लगाना                  चाहिए।


65) प्रतिदिन गाय, कुत्ते तथा पक्षियों को खिलायें। शनिवार को काले                  कुŸो को सरसों तेल से चुपड़ी हुई रोटी खिलायें।


66) प्रति गुरूवार को पीपल में जल चढायें और माथे पर केसर का तिलक          लगायें। 


67) प्रति गुरूवार को पीपल के वृक्ष के नीचे घी का दीपक तथा                         अगरबŸाी जलायें ।


68) प्रति बुधवार को गणेशजी को मोदक, घी के लड्डु, दूर्वा चढायें,                  किसी मंदिर में 5 तरह के फल अथवा गुड़ और चने का दान करें।


69) पिसी इलाइची तथा चीनी दही में मिलाकर शुक्रवार को माता लक्ष्मी            को अर्पण करें।

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