शीघ्र विवाह के ज्योतिष उपाय एवं टोटके
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यदि आपकी कन्या के विवाह मेे कोई अड़चन हो तो शीघ्र विवाह के लिए कुछ मं़त्र एवं अचूक उपाय दिये जा रहें है जिससे विवाह में आनेवाले विघ्न-बाधाओं को दूर किया जा सकता है और शीघ्र विवाह के योग बनने लगते हैं। व्यक्ति को इन उपायों तथा मंत्रो के प्रयोग करने पर विपरीत स्थिति की प्रतिकूलता अनुकूलता में परिवर्तित होती है तथा श्रेष्ठ संबेधों का योग बनने लगता है -
- ऊँ ह्रीं गौर्ये नमः (नित्य इसका पाठ 108 बार करें)
- ऊँ सूर्याय नमः (नित्य ब्रम्हमुहूर्त में सूर्य को जल चढायें)
- हे गौरी शंकर अर्धागिनी यथा त्वं शंकर प्रिया।
तथा माम कुरू कल्याणी कान्त कान्ता सुदुर्लभम्।।
(एक मास तक नियमित रूप से शिव एवं गौरी का पंचोपचार का पूजन करें उसें पश्चात पुष्प एवं विल्वपत्र चढावें)
माँ कात्यायनी के रूप में दूर्गा जी की पूजा करें तथा निम्न मंत्र का पाठ करें।
- कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरी। नंद गोप सुतं देवी पतिं मे कुयते नमः।
- 41 दिनों तक मंगल चंद्रिका स्तोत्र का पाठ करें।
- ऊँ ह्रीं कात्यायनी स्वाहा का पाठ एक माला अथार्त 108 बार करें।
- तुलसी माला से रामचरित मानस की निम्न मंत्र का पाठ करें
सुनि सिय सत्य असीस हमारी पूजहि मन कामना तिहारी
- ऊँ श्रीं वर प्रदाय श्री नमः मंत्र की माला का जाप करें।
- शिव-गौरी का पूजन करने के बाद इस मंत्र का जाप करें
ऊँ नमः मनोभिलाषितं वरं देहि वरं ह्रीं ऊँ गौरा पार्वती देव्यै नमः
- ऊँ नमः शिवाय। का पाठ 108 बार करें।
- ऊँ सोमेंश्वराय नमः का पाठ करें एवं शिवजी को दूध चढावें।
- ऊँ ह्रं कामप्रदाय विप्र्रयाय नमः शिवाय। (शिव मंत्र)
- ह्रीं मंगले गौरि विवाहबाधां नाशय स्वाहा। (मंगलागौरी मंत्र)
- क्रों बीजात्मा नयनयोः पातु मां वानरेश्वरः हं हनुमते नमः।
- ह्रीं ह्रीं गिरिजा पतये शिवशंकराय ह्रीं ह्रीं (सावन मास में नित्य इस मंत्र का पाठ करें)
- क्लीं कुष्णाय गोविन्दाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा। मंत्र का जाप करें।
- ऊँ हो कामदेवाय रत्यै सर्व दोष निवारणाय फट् का पाठ करें।
यहाँ पर हम कुछ आसानी से किये जाने वाले अचूक उपाय बताने जा रहें है जिससे निश्चित रूप से वर एवं कन्या को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
1) गुरूवार को लड्डु बनायंे एवं विवाह की प्रार्थना के साथ किसी शिव मंदिर मे चढावें।
2) सोमवार को 1200 गा्रम चने की दाल एवं सवा लीटर दूध का दान करें यह प्रयोग तबतक करें जबतक लाभ न हो।
3) किसी कन्या के विवाह में जाएं एवं दुल्हन के हाथ से अपने हाथ में मंेहदी लगवाए।
4) कन्या सफेद खरगोंश पालें तथा उसे अपने हाथों से भोजन करावे।
5) शनिवार के दिन सुन्दरकांड का पाठ करें।
6) विवाह योग्य युवक-युवती के विस्तर के नीचे किसी प्रकार का कबार नहीं होना चाहिए।
7) गुरूवार को वट वुक्ष तथा केले के वुक्ष पर चल चढावें। तथा इस मंत्र का पाठ करें - गौरी आवे, शिव जो व्यावे, अमुक (नाम) का विवाह
तुरंत सिद्ध करैं, देर ना करै, जो देर होए, तो शिव को त्रिशुल पडे़, गुरू गोरखनाथ की दुहाई फिरै।
8) कुण्डली में मंगल दोष के कारण विवाह में देरी होती है अतः चाँदी का चैकोर टुकड़ा हमेशा अपने पास रखें।
9) तांबे एक चैकोर टुकड़ा जमीन में दबा देें।
10) आठ मीठी रोटियाँ कुŸो को खिलायें।
11) गाय को रोटी खिलायें।
12) छुहारे को सिरहाने में रखकर सोयंे।
13) गुरूवार को सिरहाने के नीचे हल्दी का गांठ रख कर सोयें।
14) विवाह योग्य कन्या को गुरूवार को पीला तथा शुक्रवार को सफेद वस्त्र धारण करना चाहिए।
15) जिस समय विवाह के लिए परिजन जाए तो कन्या के सिर पर जल छिड़क दें।
16) स देवि नित्यं परितप्यमानस्त्वामेव सीतेत्यभिभाषमाणः।
दृढ़वतो राजसुतो महात्मा तवैव लाभाय कश्तप्रयत्नः।। का पाठ करें।
17) कन्या को 16 सोमवार का व्रत करना चाहिए।
18) विवाह योग्य वर एवं कन्या को सौभाग्य माला एवं विवाह निवारण यंत्र की स्थापना करना चाहिए।
19) मंदिर मेें अनार का वृक्ष लगायें।
20) यदि कन्या मंगल दोष से ग्रसित हो तो दरवाजे पर लाल गुलाब लगायें।
21) 7 गुरूवार को बछड़े युक्त गाय को अपने हाथों से भोजन करावें।
22 मांगलिक दोष वाले वर एवं कन्या को हर मंगलवार को चंडिका स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
23) अगर आप मांगलिक हैं तो हर मंगलवार को हनुमान मंदिर में जाकर घी का दीपक जलायें और हनुमान जी को सिंदुर अर्पण करें।
24) प्रति शनिवार को शिवजी को काले तिल चढावें इससे शनि दोष मुक्त होगा।
25) बहते हुए पानी में नारियल बहाएं राहू की बाधा समाप्त होगी।
26) शनिवार को सुन्दरकांठ का पाठ करें।
27) कृष्ण मंदिर में बांसुरी तथा पान अर्पण करें।
28) शहद से रूद्राभिषेक करें।
29) जल में चुटकी भर सिंदूर मिलाकर स्नान करें शीघ्र विवाह होगा।
30) अपने रिश्तेदार अथवा सहेली के विवाह वाले जोड़े को कुछ देर के लिए पहने।
31) गणेशजी को मालपुए का भोग लगाए।
अब कुछ उपाय राशि के अनुसार बताया जा रहा है जिसके अनुसार विवाह संबंधी बाधाएं दुर होंगी।
वृष राशि - इस राशि वाले जातक का मंगल मंत्र
ऊँ क्रां क्रीं क्रौं सः सौभाग्य नमः
मिथुन राशि - इस राशि वाले जातक को वृहस्पति के मंत्र का जाप करना चाहिए।
ऊँ जां्र ज्रीं ज्रौं सः बृहस्पतये नमः।
कर्क राशि - कर्क राशि वाले शनि देवता को तेल दान करें तथा नित्य पीपल की परिक्रमा करके दीप दान करें। इस मंत्र का पाठ करें।
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
सिंह राशि - इस राशि के लड़का एवं लड़की को शनि देवता को तेल दान करें तथा नित्य पीपल की परिक्रमा करके इस मंत्र का पाठ करें।
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
संध्या काल में हनुमान मंदिर में दीप दान करें। सूर्य को अघ्र्य दें।
कन्या राशि - हल्दी-चंदन युक्त जल से स्नान करें सूर्य को अघ्र्य दें, बृहस्पति मंत्र का जाप करें।
ऊँ जां्र ज्रीं ज्रौं सः।
तुला राशि - ऊँ क्रां क्रीं क्रौं सः सौभाग्य नमः
का जप करें तथा मंगलवार का व्रत रखते हुए मंगलस्तोत्र का पाठ करें।
वृश्चिक राशि - जल में दूध डालकर स्नान करें, शुक्रवार का व्रत रखें तथा इस मंत्र का जाप करें।
ऊँ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः।
धनु राशि - ऊँ गं गणपतये नमः तथा ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।
मकर राशि - ऊँ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः।
मंत्र से जप करें तथा चंद्रदेवता को दुग्ध मिश्रित जल अर्पण करें।
कुम्भ राशि - रविवार का व्रत रखें, सुर्यदेवता को लाल फूल तथा लाल कुंकुम मिश्रित जल अर्पण करें एवं सुर्य मंत्र
ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः का जाप करें।
मीन राशि - बुधवार का व्रत रखें, गणपति एवं बुध मंत्र का जाप करें।
ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।
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