व्यापर में वृद्धि के अचूक उपाय
क्या आपका व्यापार नहीं चल रहा है ? क्या आपके व्यापार घाटा में चल रहा है ? क्या आप चाहते है कि आपके व्यापार में उन्नŸिा हो, आपको अपने कारोबर मंे दिन दूना रात चैगुना बृद्धि हो ? गा्रहकों की भीड़ आपके संस्थान में लगा रहे। आपके लाख प्रयास के बावजूद आपको सफलता नहीं मिल रहा है ? कइ बार अच्छा-खासा व्यापार में अचानक नुकसान होने लगता है। व्यापार में व्यवधान के कई कारण हो सकते हैं ज्योतिषिय, वास्तु और विपरीत टोटके इत्यादि। अपने व्यापार, आॅफिस एवं वृŸिा, में सौ प्रतिशत सफलता प्राप्ति के लिए यहाँ दिये गये मंत्र, यंत्र तथा टोटके का प्रयोग करें सफलता आपके कदम चूमेंगी और आपके कारोबार में चार-चाँद लग जायेगा।
कई लोग यह सोचते रह जाते हैं कि मंत्र का प्रभाव होगा कि नही ? वास्तु से क्या होगा ? टोटके बेकार तो नहीं चले जायेगा ? इत्यादि इत्यादि। किसी उपाय करने से पहले उस पर विश्वास करना अत्यंत जरूरी होता है तभी आप दिल से उसको करेंगे और वह फलित भी होगा।दान ही धर्म है का यह सनातन धर्म का नियम है कि जितना आप देंगें ईश्वर उसे दोगुना करके आपको लौटा देते हैं। तो आइये इस कल्याणकारी उपाय को जानते हैं -
मंत्र तथा पूजा पाठ के द्वारा उपाय -1) अपने व्यापार या आॅफिस में पहुँच कर सबसे पहले लक्ष्मी-गणेश की मूर्Ÿिा के सामने धूप-अगरबŸाी दिखाकर इस मंत्र का पाठ करें। ऊँ श्री शुक्ला महाशुक्ला निवासे। श्री महालक्ष्मी नमः।
2) पारद शिवलिंग पर अभिषेक करें।
3) प्रत्येक शुक्रवार को लक्ष्मीनारायण मंदिर में चना एवं गुड़ का वितरण करें।
4) हिंजरों को वस्त्र एवं रूपये दान में दें तथा उससे एक का सिक्का मांग लें।
5) ऊँ ह्रीं ऐं व्यापार ऊँ वुद्धि ऊँ नमः।
6) ऊँ कार्य सिद्धि ऊँ नमः।
7) लाल वस्त्र पर लक्ष्मी महालक्ष्मी यंत्र को रखकर अर्धरात्रि मेें रखकर नित्य एक माला (अर्थात 108 बार जाप) इस मंत्र का करें।
ऊँ नमों भाग्य लक्ष्मै च विदमहे अष्ट लक्ष्मै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्।
8) ऊँ हुं फट्। का पाठ करें।
9) तांबे के लोटे में मिर्ची के बीज डाल कर जल के साथ सूर्य देवता को अर्पण करें और इस मंत्र का उच्चारण करें - तांबे के लोटे में मिर्ची के बीज डाल कर जल के साथ सूर्य देवता को अर्पण करें और इस मंत्र का पाठ करें - ऊँ ही्रं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ऊँ।
10) किसी शुभ कार्य हेतु निकलने से पहले श्री गणेशाय नमः का जप कर के निकलें कार्य अवश्य सफल होगा।
11) व्यापार में वृद्धि के लिए निम्न मंत्र का पाठ करें। -
तांबे के लोटे में मिर्ची के बीज डाल कर जल के साथ सूर्य देवता को अर्पण करें और इस मंत्र का
ऊँ श्रीं ही्रं क्लीं महालक्ष्म ैनमः।
ऊँ महालक्ष्मै विदमहे महाश्रियं च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्।
ऊँ या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता।
नमतस्यै नमतस्यै नर्मस्य नमो नमः।
12) दिपावली के दिन श्री कुबेर यंत्र की पूजा करनी चाहिए।
13) व्यापार में वृद्धि के लिए इस मंत्र का पाठ करें।
ऊँ श्री शुक्लः महाशुक्लेहः निवासै। श्री महालक्ष्मीहः नमोहः नमः।
14) व्यापारिक संस्थान में गा्रहकों की संख्या में वृद्धि के लिए निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए।
ऊँ नमः शिवाय।
15) विल्वाष्टकम का पाठ करना चाहिए।
16) गा्रहकों की वृद्धि के लिए शमी के पेड़ की लकड़ी को पान में लपेट कर अपने गल्ले में रखना चाहिए।
17) प्रदोष वृत रखें , संध्या काल में अश्वगंध के पुष्प को घी में डुबाकर शिवजी का पंचोपचार पूजन के पश्चात निम्न मंत्र का जाप करें -
ऊँ श्रीं श्रीं श्रीं परमाम् सिद्धि श्रीं श्रीं श्रीं।
18) व्यापारिक संस्थान में लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा के सामने निम्न मंत्र का पाठ करें -
ओम नमो भगवती पद्म पद्मावती ओम ह्रीं श्रीं पूर्वायए दक्षिणायएपश्चिमायएउत्तरायएआणुपूरय सर्व जन वश्यं कुरु स्वाहा
19) श्रीकृष्ण भगवान का निम्न मंत्र का जाप करें -
ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः।
कुछ टोटके दिये जा रहे है जो व्यापार वृद्धि में अचूक सफलता का सूचक है -
2) प्रतिदिन श्रीयंत्र एवं कुबेर यंत्र की पूजा पंचोपचार के साथ करें। एक पीला कपड़ा लें, उसमें नागकेसर, 11 हल्दी, 11 सुपाड़ी, 11 गोमती चक्र, 11 छेद वाले तांबे के सिक्के, और 11 मुटठी पीला अरवा चावल इन सभी सामाग्री को बांध कर कंुकुम, केसर एवं हल्दी को घोलकर 21 बिंदी लगायें। घी का दीपक जलायें और लक्ष्मी के बीज मंत्र का 108 बार पाठ करें।
3) अपने व्यापारिक स्थान में पीली सरसों, तिल, साबुत नमक, एवं धनियाँ मिलाकर रख दें।
4) अपनी तिजोरी या आलमीरा में कोई भी नोट 101 रखें तथा जेब में हमेशा कुछ सिक्के रखें।
5) दुकान या आॅफिस मे गल्ला हमेंशा उŸार दिशा में होना चाहिए।
6) भवन बनवाते समय भवन के नींव में 11 कौड़ियाँ रखें।
7) मंगलवार तथा शनिवार को काले धागे में सात हरी मिर्च और एक निंबू सुबह बांध दें। ध्यान रहे यह तैयारी व्यापारी की पत्नी एवं बेटी के द्धारा हो तो अधिक लाभदायक सिद्ध होगा।
8) एक नारियल को लाल रंग के चमकीले कपडे़ में बांध कर व्यापार वाले स्थान में गल्ला में रख दें।
9) किसी काम के लिए निकलने से पहले अपने इष्टदेव का ध्यान कर लें।
10) कपूर एवं रोली को जलायें उसकी राख को पुड़िया बनाकर आलमीरा या तिजोरी में रख दें।
11) शनिवार को तेल चुपड़ी हुई रोटी कुŸो को खिलायें।
12) दीपावली के संध्या को अशोक वृक्ष की पूजा करें एवं दीपक जलायें।
13) घर या कार्यालय में 6 मोर के पंख रखें।
14) शनिवार को पीपल के पŸो को तोड़कर लायें उसे अपनी गद्दी के नीचे रख दें ऐसा 7 शनिवार तक करें।
15) कार्यस्थल में प्रवेश करते समय अपनं दाहिना हाथ से जमीन को छू कर मस्तक पर तिलक लगावें।
16) अगर आपके व्यापार से किसी को जलन हो रहा हो तो साबुत फिटकरी लेकर दुकान के बाहर किसी चैराहे पर फेंके।
17) घर, दुकान या आॅफिस में सरसों रखें इससे व्यापार में वुद्धि होगी।
18) किसी शुभ नक्षत्र को जामुन की जड़ को निकाल कर अपने पास रख लें।
19) एक मिट्टी का शेर माता दुर्गा को चढावें सारे कष्ट दूर होंगे।
20) यदि व्यापार, नौकरी या कार्य क्षेत्र में लगातार हानि का सामना करना पडे़ तो झाड़ु को ऐसे स्थान पर रखे जो बाहरी व्यक्ति को न दिखे।
21) 11 पीपल के पŸो को गंगाजल से धो कर लाल चंदन से हर पŸो पर सात बार राम नाम लिख कर हनुमान मंदिर में चढा दें तथा प्रसाद बांटे तथा ऊँ हं हनुमते रूद्रात्मकाय हुं फट् स्वाहा।
22) गाय, कुŸो, कौवे एवं चींटी को भोजन जरूर करावें क्योंकि शास्त्र में कहा गया है कि आय का कुछ भाग इनके भोजन तथा दान में जरूर लगाना चाहिए।
23) एक निंबु में चार लौंग गाड़ दें तथा उसे अपने हाथ में रखकर निम्न मंत्र का 21 बार जाप करें क्क श्री हनुमते नमः
24) शुक्ल पक्ष के गुरूवार को अपने माथे पर केसर एवं चन्दन का तिलक लगाकर राममंदिर में दण्डवत प्रणाम करें।
25) यदि कि कार्य के लिए घर या आॅफिस से निकलें तो गुड़ खा कर निकलें यह शुभ होता है।
26) यदि कि कार्य के लिए घर या आॅफिस से निकलें श्री गणेशाय नमः का जाप कर के निकलें यह शुभ होता है।
27) यदि कि कार्य के लिए घर या आॅफिस से निकलें तो तुलसी के पŸो खा कर नकलें यह शुभ होता है।
28) कभी भी ब्रम्हमुहुर्त या संध्या काल में झाडु़ न लगावें।
29) मछलियों को आटे की गोली बना कर खिलायें।
30) घर या आॅफिस से निकलने से पहले हरी इलायची अपने हाथ में लेकर श्रीं श्रीं बोलें फिर उसे खा ले और पीछे मुड़कर न देखें कार्य शुभ होगा।
31) शनि देव की आराधना करें।
32) सूर्य देव की आराधना करें।
33) हनुमान जी की पूजा करें।
34) माँ काली की पूजा अमावश्या को करें एवं नारियल फोडें।
35) शिवजी की आराधना करें।
36) भगवान विष्णु की पूजा करें।
37) गौ माता की सेवा करें।
38) एकादशी का व्रत रखें।
39) तुलसी की पूजा करें।
40) अपने घर या संस्थान में एक उल्लु की तश्वीर लगावें।
41) इक्वेरियम लगावें उसमें 9 गोल्डेन और एक काली मछली डालेें।
42) अपने पूजा स्थान में उड़ते हुए हनुमान जी के तश्वीर लगावेें।
43) प्रत्येक माह सोमवार को सफेद कपडे़ में चावल डालकर माँ काली के मंदिर में अर्पण करें।
44) यदि व्यापार में हानि हो रहा हो तो अपने वनज के बराबर कोयले को जल में प्रवाहित कर देें।
45) काले तिल को घर के सभी सदस्यों को नियोक्षावर कर के उŸार दिशा में फेंक दें।
46) हर शनिवार को काले तिल का दान करे।
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