सामूहिक अनुष्ठान से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी
१ सामूहिक अनष्ठान क्या है ?
सामूहिक अनुष्ठान ऐसी शास्त्रीय व्यवस्था है जिसके द्वारा एक साथ किसी एक अनुष्ठान में एक से ज्यादा व्यक्तियों का नाम शामिल कर उन सभी को एक साथ लाभ पंहुचाया जा सकता है।
सामूहिक एवं व्यक्तिगत अनुष्ठान के फल में कोई अंतर नहीं है। दोनों ही अनुष्ठान में एक ही पद्धति अपनायी जाती है और फल देना भगवान् के हाथ में है और उनकी शक्ति और भण्डार अथाह है।
३ सामूहिक अनुष्ठान में क्या व्यक्तिगत उपस्थिति अनिवार्य है ?
सामूहिक अनुष्ठान में व्यक्तिगत उपस्थिति अनिवार्य नहीं है। जो लोग उपस्थित होना चाहें वो संकल्प और हवन के समय उपस्थित हो सकते हैं।
सामूहिक अनुष्ठान की इस व्यवस्था में अभी जो अनुष्ठान कराये जा रहे हैं उनमें प्रमुख हैं :
ii रुद्रभिषेकम अनुष्ठान,
iii हनुमान चालीसा पाठ अनुष्ठान,
iv आदित्यहृदयस्तोत्र पाठ एवं हवन अनुष्ठान,
v गणेशअथर्वशीर्ष पाठ एवं हवन अनुष्ठान एवं,
vi विष्णुसहस्रनाम हवन अनुष्ठान,
५ जन सामान्य के लिए इन अनुष्ठानों का क्या महत्व एवं उपयोग है ?
लेकिन अगर मात्र स्वास्थ्य की दृष्टि से भी देखें तो :
महामृत्युंजय अनुष्ठान से - आयु एवं आरोग्य,
रुद्रभिषेकम से - किडनी एवं डिप्रेशन,
गणेशअथर्वशीर्ष से - मिर्गी एवं वाणी सम्बन्धी,
हनुमान चालीसा से - ऑपरेशन, दुर्घटना एवं ब्लड सम्बन्धी,
आदित्यहृद्यस्तोत्र से - हार्ट एवं आँख सम्बन्धी और
विष्णुसहस्रनाम से - लिवर सम्बन्धी कष्ट को रोकने या कम करने में सहायता मिलती है।
निवेदक :
शिशिर पाठक
जन्म कुंडली एवं वास्तु विशेषज्ञ
76, को - ऑपरेटिव कॉलोनी।
बोकारो स्टील सिटी, Whatsapp - 09572807883
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