धन प्राप्ति के अद्भुत उपाय।
इस लेख का उ़द्देश्य आपको अंध-विश्वास की तरफ ले जाना नही है, न ही इस तरह की कोई मंशा है, यह तो कुछ मित्रों के आग्रह पर अपनी जानकारियाँ आप तक पहुँचाने का प्रयास कर रहा हुँ। यह आपके विवेशीलता और आस्था पर निर्भर करता है कि आप इसका कितना पालन करते हैं और आपको कितनी सफलता मिलती है। वैसे सदियों से इस प्रकार के प्रयास किये जा रहें हैं और सफल भी हुए है। हमारे बड़े-बुजुर्ग, ऋषि-मुनि, ज्ञानी और महापुरूष के कथनानुसार चले आ रहें हैं। उनका कहना है कि धन हर मनुष्य के किस्मत में होता है परन्तु अपने पूर्व जन्म के कर्म तथा वर्तमान जीवन में किसी न किसी गलतियों के वजह या वास्तु दोष के कारण दरिद्र होता है तथा दुःख को भोगता है।
स्ंसार में किसे धन की आवश्यकता नहीं होती है, हर व्यक्ति के मन में इच्छा होती है कि उसके व्यापार, नौकरी में तरक्की हो। हर व्यक्ति की कामना होती है कि वह धनवान हो परन्तु ऐसा नहीं होता है। हर कोई लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए उपाय ढूंढता रहता है। किसी व्यक्ति के अथक प्रयास करने पर भी वह निर्धन रहता है और कोई अल्प प्रयास से ही काफी धनवान होता है। आपार धन प्राप्ति के लिए शु़द्ध आचार-विचार का होना बहुत जरूरी है।
यहाँ मैं आापको धन और लक्ष्मी प्राप्ति के लिए कुछ मंत्र, टोटके, माता लक्ष्मी तथा कुबेर देवता को प्रसन्न करने के उपाय बता रहा हूँ जिससे आपके घर, व्यापार और नौकरी में तरक्की हो और आपार धन की बरसात होने लगेगी। ये मंत्र एवं टोटके दैनिक पूजा-पाठ के दरम्यान कर सकते है तथा सभी घरेलु उपाय हैं जो सरलता घर में उपलब्ध सामाग्री से सम्पन्न कर सकते हैं -
शुक्रवार के दिन शुद्ध होकर घी के दिये जलाकर माता लक्ष्मी की पूजा करें और इस मंत्र का 108 पाठ करें -
1) ऊँ श्रीं श्रीये नमः। (लक्ष्मी मंत्र कमलगट्टे या स्फटिक माला से करें)
2) कृं कृष्णाय नमः। (कृष्ण देवता का मंत्र)
3) ऊँ श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहाः। (कृष्ण देवता का मंत्र)
4) ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय, धन धन्याधिपति धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहाः। (कुबेर देवता का मंत्र)
5) ऊँ हृीं हृीं लक्ष्मी वासुदेवाय नमः। (विष्णु लक्ष्मी मंत्र)
6) ऊँ आं हृीं क्रौं श्री श्रिये नमः ममा लक्ष्मी नाश्य-नाश्य मामृणोŸाीर्ण कुरू कुरू सम्पदं वर्धय-वर्धय स्वाहाः। (लक्ष्मी मंत्र)
7) पनने पùाक्ष्मी प संभवे तन्मे भजसि पùाक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्।। (महामंत्र)
8) ऊँ श्रीं हृीं क्लीं श्री सिद्ध हृीं लक्ष्मै नमः। (महामंत्र)
9) ऊँं हृीं श्री क्लीं अर्ह नमः महालक्ष्मै धरणेंद्र पùावती सहिते हूं श्री ममः। (महामंत्र)
10) ऊँं हृीं त्रिं हुं फट। (महामंत्र)
11) ऊँ श्रीं, ऊँं हृीं श्रीं, ऊँं हृीं श्रीं विŸोश्र्वरायः नमः। (महामंत्र)
12) ऊँ श्रीं हृीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्मै अस्माकं दरिद्य्र नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं हृीं श्री ऊँ। (महामंत्र)
12) ऊँ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ऊँ भूरिदा त्यसि श्रुतः पुरून्ना शूरः वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।। (ऋगवेद)
13) त्वं सिद्धिस्त्वं स्वधा स्वाहा त्वं लोकपावनी। संघ्या रात्रिः प्रभा भूतिर्मेधा श्रद्धा सरस्वती। यज्ञविद्या महाविद्या गुहृविद्या च शोभने। आत्मविद्या च देवि त्वं विमुक्तिफलदायिनी।। आन्वीक्षिकी त्रयीवार्ता दण्डनीतिस्त्वमेव च। सौम्यासौम्यैर्जगदू्रपैस्त्वयैतद्देवि पूरितम।। का त्वन्या त्वमृते देवि सर्वज्ञयमयं वपुः। अध्यास्ते देवदेवस्य योगचिन्त्यं गदाभृतः।। (विष्णृपुराण)
14) कनकधारा स्तोत्र का नित्य पाठ करें।
15) श्री सूक्त का नित्य पाठ करें।
16) लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें।
17) ऊँ नमो भगवती पùावी ऊँं हृीं ऊँं ऊँं पूर्वाय दक्षिणाय उŸाराय आष पूरय सर्वजन वश्य कुरू कुरू स्वाहा।
18) चंदनस्य महात्पुण्यम् पवित्रं पापनाशनम् आपदां हरते नित्यम् लक्ष्मी तिष्ठतु सर्वदा। (ज्योतिषिय चंदन मंत्र)
19) महालक्ष्मी च विùहे, विष्णुपत्नि च धीमहि, तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्। (गायत्री लक्ष्मी मंत्र)
20) श्री शुक्ले, महाशुक्ले कमलदल निवासे श्री महालक्ष्मी नमो नमः। लक्ष्मी माई सबकी सवाई, आओ चेतो करो भलाई, न करो तो सात समुद्रों की दुहाई, ऋिद्धि नाथ देवों नै नाथ चैरासी सिद्धों की दुहाई। (शाबर मंत्र, गुरू गोरखनाथ)
21) ऊँ क्रीं श्रीं चामंुडा सिंहवाहिनी कोई हस्ती भगवती रत्नमंडित सोनन की माल, उŸार पथ में आप बैठी हाथ सिद्ध वाचा, सिद्धि धन धान्य कुरू-कुरू स्वाहा। (सवा लाख जप)
22) ऐं श्रीं हृीं कमलवासिन्यै स्वाहा
इन सब के अलावे माता लक्ष्मी जी की नित्य आरती करें। इन मंत्रों के अलावे कुछ टोटके है जिनके अद्भुत परिणाम प्राप्त होते हैं ।
1) अपने घर के पुर्व तथा दक्षिण के कोना में तुलसी के पौधे लगाएं।
2) अपने घर में मिट्टीयुक्त जगह अवश्य रखें। अगर यह घर के बीचो-बीच हो तो अति उŸाम होगा।
3) गुरूवार के दिन किसी सुहागन को सिन्दुर, बिन्दी, लाल चुरी इत्यादि का दान करें।
4) प्रातः काल उठकर अपने दोनो हथेली का दर्शन करें तथा उसके बाद 4-5 बार अपने चेहरे का स्पर्श करें।
5) मिट्टी के दिये में सरसों तेल डाल कर उसमें एक लौंग डाल कर हनुमान जी की आरती करें।
6) लक्ष्मी-विष्णु की मुर्ति अपने घर में स्थापित करें तथा नियमित उनकी पूजा करें।
7) प्रातः काल उठकर एक लोटा जल अपने घर के मुख्य द्धार पर डाल दें तथा लक्ष्मी के आगमन का स्वागत करें।
8) एक मिट्टी के बर्तन में सवा किलो हरा मूंग भर लें तथा दूसरे बर्तन में नमक भर कर घर के किसी ऐसे स्थान में रखें जहाँ आने-जाने वालों की नजर न पड़े।
9) मुख्य द्वार के आगे सौभाग्य सूचक रंगोली बनाए।
10) जिस घर के सभी सदस्य प्रातः काल विस्तर छोड़कर स्नान इत्यादि से निवृत होकर पूजा-पाठ करने के बाद अन्न ग्रहण करते हैं वहाँ लक्ष्मी का वास होता है।
11) संध्या काल (सूर्यास्त हो जाने के बाद) घर में झाडु नहीं लगाना चाहिए।
12) दान देना अपने आदत में शामिल करें रोज-रोज किसी न किसी को कुछ न कुछ दान अवश्य करें।
13) यदि संध्या काल में घर वापस आये तो अपने साथ कुछ न कुछ जरूर लायें खाली हाथ कभी धर में प्रवेश न करें।
14) आदि काल से यह प्रचलन चला आ रहा है कि व्यापार के लेखाबही में केसर और हल्दी का छिड़काव अवश्य करें।
15) प्रति शुक्रवार को लक्ष्मी तथा विष्णु भगवान को लाल रंग का फूल अर्पन करें।
16) अपना झाडु छिपा कर रखें।
17) अपने घर के दिवाल, फर्श इत्यादि में कुछ भी टुटा-फूटा नहीं होना चाहिए समय-समय पर इसकी मरम्मत करवाते रहें।
18) घर का कोइ नल या पाइप से पानी के रिसाव को बंद कर दें अन्यथा लक्ष्मी जी आपके घर नहीं रूकने वाली हैं।
19) घर के मुख्य द्वार पर कबाड़ न रखें।
20) घर के तिजोरी या आलमीरा में जहाँ आप धन रखते हैं उसके नीचे लाल कपड़ा बिछा दें।
21) काले तिल से परिवार के सभी सदस्य को न्योछावर कर के उŸार दिशा में फेंक दें।
22) ध्यान रखें कि आपके घर का कोई दरवाजा या खिड़की खोलने या बन्द करने के दरम्यान आवाज तो नहीं कर रहा है यदि ऐसा है तो उसमेें सरसों का तेल डाल दें।
23) सोमवार तथा शुक्रवार को सफेद चीजों का दान करें जैसे दूध, चीनी, सफेद वस्त्र इत्यादि।
24) बैंक में पैसा जमा करते समय माता लक्ष्मी के मं़त्र पढें तथा उसकी बृद्धि की कामना करें।
25) यदि संभव हो तो तिजोरी में सोने का एक वर्गाकार सिक्का रखें।
26) रोजाना कुŸो को दूध पिलायें तथा हर कमरे में मोर का पंख लगावें।
27) माता लक्ष्मी के सामने अखंड तेल का दीप जलायें।
28) नित्य प्रतिदिन चाँदी के दिये में कपूर तथा लौंग डालकर दिये जलायें।
29) घर के मुख्य द्वार पर ओम, स्वास्तिक, त्रिशुल इत्यादि का संकेत होना चाहिए।
30) घर के मुख्य द्वार के सामने जूते-चप्पल इत्यादि न रखें इससे नकारात्मक उर्जा घर में प्रवेश करता है।
31) पूजा-पाठ के बाद माता-पिता के चरणस्पर्श करके आर्शिवाद लेना चाहिए इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
32) रात में खाना खाने के बाद जूठे बर्तन न रखें बर्तन साफ करके रसोई की सफाई के बाद ही सोना चाहिए।
33) बिस्तर पर या अपने जांघ पर रखकर भोजन कभी नहीं करना चाहिए इससे लक्ष्मी अप्रसन्न हो जाती हैं।
34) घर में कहीं भी मकड़ी का जाला नहीं होना चाहिए।
35) अपने घर, आॅफिस या दुकान जहाँ काम करते हों उस जगह को साफ रखना चाहिए।
36) हर सप्ताह शुक्रवार को उपले पर गुगुल जरूर जलाना चाहिए।
37) काली हल्दी को पूजा स्थान पर रखें तथा नियमित धूप-दीप दिखायें कहीं जाएं तो इसका दर्शन करके जायें कार्य सिद्ध होगा। नकारात्मक शक्तियाँ दूर होगी।
38) शनिवार को सफाईकर्मी को दान देने से आर्थिक तंगी कम हो जायेगी।
39) चीटियों को शक्कर और आटा खिलायें।
40) व्यापार में बृद्धि के लिए एक सफेद झंडा लेकर बुधवार को शुक्लपक्ष के पहले पीपल के वृक्ष पर लटका दें व्यवसाय दिन-दुना रात-चैगुना बढता जायेगा।
41) शुक्रवार को दक्षिणवर्ती शंख में जल भरकर भगवान विष्णु को अर्पण करें लक्ष्मी प्रसंन्न हो जायेगी।
42) शुक्रवार को पाँच पीले कौड़ी, केसर तथा सिक्के बांध कर तिजोरी में रखें।
43) प्रत्येक शुक्रवार को माता लक्ष्मी के समक्ष घी के दिये जलायें।
44) बुधवार को हरी चीजों का सेवन करें पीला कदापि नहीं इसी प्रकार बृहस्पतिवार को पीली वस्तु का सेवन करें हरा नहीं।
45) ईशान कोन तथा घर के मुख्य द्वार पर कचरा नहीं रखना चाहिए।
46) घर में खराब तथा बंद पड़ी वस्तु जैसे घड़ी, टीवी इत्यादि न रखें।
47) यदि व्यापार घाटे में चल रहा हो तो बुधवार को पाँच मुट्ठी मूंग हरे कपड़े में बाँध कर दिन के उजाले में नदी में प्रवाहित करें।
48) किसी से मुफ्त में कोई चीज न लें उसकी कुछ कीमत उसे अवश्य दे।
49) घर में बहते हुए नदी, नटराज इत्यादि की तश्वीर न रखें।
50) स्त्री तथा कन्या को लक्ष्मी का रूप माना गया है इसलिए कभी भी इनका अपमान नहीं करना चाहिए।
51) घर में पकाया हुआ अन्न कभी बर्बाद नही करना चाहिए इससे अन्नपूर्णा अप्रसन्न हो जाती है।
52) किसी दूसरे स्त्री पर गलत नजर न रखें इससे लक्ष्मी अप्रसन्न होती है।
53) जब भी नगद प्राप्त हो तो उसे पूजा के स्थान में रखें इससे धन के आगमन को योग बनता है।
54) नारियल को चमकीले कपड़े में बांँधकर अपने आलमीरा में या तिजारी में रखें।
55) शुक्रवार को सवा सौ ग्राम अरवा चावल और मिश्री समान मात्रा में सफेद कपउे़ में बाँध कर माता लक्ष्मी की पूजन करें तथा स्थायी रूप से निवास के प्रार्थना के साथ जल में प्रवाहित करें।
56) तुलसी के पौधे के पास नित्य संध्या काल घी के दिये जलायें।
57) एक सोने का सिक्का तथा एक चाँदी का सिक्का लेकर लाल कपउे़ में बाँध कर आनाज के वर्तन में रखें उसके बाद गेहुँ या चावल भर दें घर हमेंशा धन से भरा रहेगा।
58) शुक्रवार को लोहे का बंद ताला दुकान से खरीदें उसे न दुकानदार खोले न आप, ताला सही है या नहीं यह जानने की कोशिश न करें यह ताला किसी मंदिर में रख आयें और पलट कर न देंखें जैसे कोई उस ताला को खोलेगा आपके किस्मत का दरवाजा खुल जायेगा।
59) गुरूवार के दिन आटा में गुड़ मिलाकर गाय को खिलायें।
60) शुक्रवार को केसर, चाँदी के सिक्के, 5 कौड़ी को पीले कपड़े में बाँधकर तिजौरी में रखें धन की कमी नहीं होगी।
61) अपनी तिजोरी में कुछ नोट तथा द्रव्य रखें अपने पास भी कुछ नोट तथा द्रव्य रखें अपने आप को गरीब न समझें एक सकारात्मक उर्जा उत्पन्न होगा।
62) शुक्रवार को यथासंभव कन्या को खीर का भोजन करायें चीनी के जगह मिश्री का प्रयोग करें।
63) प्रत्येक शुक्रवार को माता लक्ष्मी के समक्ष घी के दिये जलायें तथा मिष्ठान को भोग लगाकर प्रसाद सबसे पहले अपने माता, पत्नी बहन तथा बेटी को खिलायें अंत में स्वयं ग्रहण करें।
64) स्नान करने वक्त पैर से पैर नहीं साफ करना चाहिए। शरीर में तेल लगाने वक्त सबसे पहले पैर में लगाना चाहिए, उसके बाद सर में। केश में तेल लगाने के बाद बचे हुए तेल को चेहरे में नहीं लगाना चाहिए।
65) प्रतिदिन गाय, कुत्ते तथा पक्षियों को खिलायें। शनिवार को काले कुŸो को सरसों तेल से चुपड़ी हुई रोटी खिलायें।
66) प्रति गुरूवार को पीपल में जल चढायें और माथे पर केसर का तिलक लगायें।
67) प्रति गुरूवार को पीपल के वृक्ष के नीचे घी का दीपक तथा अगरबŸाी जलायें ।
68) प्रति बुधवार को गणेशजी को मोदक, घी के लड्डु, दूर्वा चढायें, किसी मंदिर में 5 तरह के फल अथवा गुड़ और चने का दान करें।
69) पिसी इलाइची तथा चीनी दही में मिलाकर शुक्रवार को माता लक्ष्मी को अर्पण करें।