This blog site covers a larger area of Societies contemporary situations, Hindu religious platform, a wide segment of Hindu God most powerful mantras and stotras like Ganpati Mantras, Ved Mata Gayatri Mantras, Ma Lakshmi and Kuber Mantras, Shiv Mantras, Navagrah Mantras, Maa Durham Mantras, Sidhhi Mantras, Vashikaran Mantras and different types of Dainik & vishishtha Pura Path vidhi. Havan, rudrabhishek, mahamrityunjay jap jyotishiy paramarsh, vastu dosh niwaran etc
मंगलवार, 29 मई 2018
शनिवार, 19 मई 2018
शुक्रवार, 18 मई 2018
बुधवार, 16 मई 2018
सोमवार, 14 मई 2018
पूजा, पाठए यज्ञ, अनुष्ठान से फल प्राप्त नहीं होने के कारण
पूजा, पाठए यज्ञ, अनुष्ठान से फल प्राप्त नहीं होने के कारण
========================================
बहुत सारे लोगों का यह कहना होता है की उनको पूजा, पाठ, यज्ञ, अनुष्ठान से फल प्राप्त नहीं होते और इन सब विधियों का कोई महत्व नहीं है। अगर किसी को ऐसा लगता है तो इस का जरूर कोई कारण होना चाहिए। पूजा, पाठ, यज्ञ, अनुष्ठान से फल प्राप्त नहीं होने के एक नहीं बल्कि अनेक कारण हैं, लेकिन अगर सरलता से समझें तो हमारे जीवन जीने का ढंग ही इसका प्रमुख कारण है। आइये समझते हैं इस समस्या के कुछ प्रमुख कारण।
जब हम किसी देवी देवता की पूजा करते हैं तो उनके द्वारा हमारी कामना पूर्ती के लिए आशीर्वाद दिया जाता है लेकिन यह आशीर्वाद कुछ लोगों को मिलता है और कुछ लोगों को नहीं मिलता। आशीर्वाद नहीं मिलने का कारण हमारे द्वारा किये जाने वाले कर्म ही हैं। नीचे कुछ प्रश्न दिए जा रहे हैं। आप इनका उत्तर सोच कर स्वयं ही समझ जायेंगे की अगर आपके साथ ऐसा हो रहा है तो आपको क्या परिवर्तन करना है।
१ क्या आप अपने दिवंगत पूर्वजों के लिए अमावस्या का दान करते हैं ?
२ क्या आप अपने माता ;चंद्र द्ध और पिता ;सूर्य द्ध की देख भाल करते हैं ?
३ क्या आपके सम्बन्ध अपने भाई, चाचा, मामा, बहनोई (मंगल) के साथ अच्छे हैं ?
४ क्या आपके सम्बन्ध अपनी बहन, बुआ, मासी, चाची, भाभी (बुध) के साथ अच्छे हैं ?
५ क्या आप अपने पति ( बृहस्पति) का ख्याल रखती हैं ?
६ क्या आप अपनी पत्नी (शुक्र) का ख्याल रखते हैं ?
७ क्या आप महिलाओं (शुक्र) का सम्मान करते हैं ?
८ क्या आप अपने नीचे काम करने वालों (शनि) को उचित पैसा और सम्मान देते हैं ?
८ क्या आपका व्यवहार सफाई कर्मचारियों (राहु) के साथ ठीक है ?
९ क्या आप कुत्तों (केतु) की सेवा करते हैं ?
अगर इन प्रश्नों में ज्यादा के उत्तर नहीं हैं तो पूजा पाठ के फल प्राप्ति में मुश्किलें आएँगी। जरूरत है अपने जीवन जीने के ढंग को बदलने का।
स्पिरिचुअल हीलर और गाइड
७६, को-ऑपरेटिव कॉलोनी, बोकारो स्टील सिटी, झारखण्ड Whatsapp - ९५७२८०७८८३
Visit Our : Gyan Pathik YouTube Channel
विष्णु सहस्रनाम
विष्णु सहस्रनाम
शास्त्रों में विष्णु को पालन अर्थात जीवन की आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने वाले देव के रूप में परिभाषित किया गया है। अर्थात चाहे वह मनुष्य के विद्या ग्रहण की बात हो या फिर विवाह की। विवाह के पश्चात संतान प्राप्ति की बात हो या फिर संतान की उन्नति की, हर कार्य में भगवान विष्णु की कृपा के बगैर सफलता नहीं मिल सकती। भगवान विष्णु को बृहस्पति या गुरु भी कहा गया है। नक्षत्र विज्ञान में बृहस्पति को सबसे बड़ा ग्रह बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र में तो कन्या के विवाह का कारक ग्रह बृहस्पति को ही माना गया है।
महाकाव्य महाभारत के अनुशासन पर्व नामक अध्याय में भगवान विष्णु के एक हजार नामों का उल्लेख है। कहा जाता है कि जब भीष्म पितामह बाणों की शय्या पर लेटे अपनी इच्छा मृत्यु के काल चयन की प्रतीक्षा कर रहे थे, तब उन्होंने ये एक हजार नाम युधिष्ठिर को बताये थे। तथ्य यह है कि ज्ञान अर्जन की अभिलाषा में जब युधिष्ठिर ने भीष्मपितामह से यह पूछा कि
"मेकम दैवतम लोके! किम वाप्येकम परयणम!"
अर्थात कौन ऐसा है, जो सर्व व्याप्त है और सर्व शक्तिमान है! तो पितामह ने अपने संवाद में भगवान विष्णु के इस एक हजार नामों का उल्लेख किया और कहा कि प्रत्येक युग में सभी अभीष्ठ की प्राप्ति के लिये, इन एक हजार नामों का श्रवण और पठन सबसे उत्तम होगा। विष्णु सहस्रनाम की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि हिन्दू धर्म के दो प्रमुख सम्प्रदाय शैव और वैष्णवों के मध्य यह सेतु का कार्य करता है।
विष्णु सहस्रनाम में विष्णु को शम्भु, शिव, ईशान और रुद्र के नाम से सम्बोधित किया है, जो इस तथ्य को प्रतिपादित करता है कि शिव और विष्णु एक ही है। आदि शंकराचार्य ने भी इस बात की पुष्टि की है। पाराशर भट्टर ने विष्णु को शिव के नाम से सम्बोधित किये जाने को विशेषण बताया है, अर्थात शिव रूपी शाश्वत सत्य को विष्णु के पर्यायवाची के रूप में व्यक्त किया गया है। विष्णु सहस्रनाम के आधार पर कैवल्य उपनिषद में विष्णु को ब्रह्मा और शिव का स्वरूप बताया गया है।
नोट : कृप्या इस सूचना को अपने मित्रों को फारवर्ड करें।
Kindly forward this massage to your friends.
Kindly forward this massage to your friends.
Visit my : Gyan Pathik YouTube Channel
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
मिथुन राशि वालों के लिए मित्र और शत्रु ग्रह !
मेष राशि नमस्कार दोस्तों, आज से सभी 12 राशियों की जानकारी देने के लिए एक श्रृंखला सुरू करने जा रही हैं जिसमे हर दिन एक एक राशि के बारे में...
-
श्री राम नाम की महिमा मर्यादापुरूषोत्तम भगवान श्री राम का जन्म चैत्र शुक्ल पक्ष में नवमी तिथि को अयोध्या में हुआ था। ...
-
छठ पर्व धर्म और आस्था का प्रतीक छठ पर्व एक सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक त्योहार है जो सूर्य देव को समर्पित है, यह पर्व पृथ्वी पर जीवन और ...
-
Ganesh Pancharatna Psalm ===================== Ganesh Chaturthi is considered as the best for the cultivation of Ganesha. By worship...