रविवार, 11 मार्च 2018

वशीकरण मंत्र, शाबर मंत्र एवं टोटके

वशीकरण मंत्र, शाबर मंत्र एवं टोटके

            वशीकरण क्या है? अधिकतर लोग यह समझते हैं कि कोई जादू है जिसे करते ही कोई भी वश में हो जायेगा, वस्तुतः यह एक ऐसी क्रिया है जिससे व्यक्त अपने भीतर के प्रभाव को जागृत करता है जिससे आपके सामने जो व्यक्ति आता है वह प्रभावित हो जाता है। इसका प्रयोग दूसरों की भलाई के लिए करना चाहिए, गलत प्रयोग के लिए कदापि नहीं है। वशीकरण के द्वारा हम अपने आत्मविश्वास को सुदृढ करके दूसरे का विश्वास जीतते हैं इससे अपना कारोबार, रोजगार तथा प्यार में सफलता प्राप्त करते हैं। वशीकरण मंत्र किसी पिड़ित व्यक्ति के मन तथा मस्तिक को प्रभावित करता है, तो आइये इसके मंत्र तथा टोटके के बारे में बताते हैं -

1) माता दुर्गा का मंत्र द्वारा वशीकरण - माता दुर्गा की तश्वीर के सामने 11,000 या 1,25,000 (सवा लाख) जप करें। जिसे वश में करना है उसकी तश्वीर अपने मन में रखकर जप करें। नित्य एक माला जप करें। इसके साथ लाल आसन, वस्त्र एवं पुष्प का प्रयोग करें।

1) ज्ञानिनामपि चेतांसिए देवी भगवती ह्री सा।  बलादाकृष्य मोहायए महामाया प्रयच्छति।।

2) ॐ चामुण्डे ज्वल.ज्वल प्रज्वल.प्रज्वल स्वाहा।

3) दासत्व से मुक्ति के लिए - यो मां जयतिए यो मे दर्पं व्यपोहति। यो मे प्रतिबलो लोके स मे भर्ता भविष्यति।

4) शत्रु के विनाश के लिए -

1) क्षणेन तन्महासैन्यं सुराणां तथाम्बिका निन्ये क्षयं यथावहनिस्तृण दारूमहाययम्।

2) गर्ज.गर्ज क्षणं मूढ़ मधु यावत्पिबाम्यहम्। मया त्वयि हतेऽत्रेवए गर्जिष्यन्त्याशु देवतार:।।

5) नाम से वशीकरण करने का मंत्र -

ऊँ हारीम कुरूम पिसचिनी (जिसका वशीकरण करना हो उसका नाम) मं वशियम भवन्ति।

6) किसी स्त्री को वश में करने का मंत्र - किसी भी अमावश्या की रात में स्त्री के बाल ले कर अब निम्न मंत्र का जाप 108 बार करें तत्पश्चात अपने के साथ उसके बाल को जला दें

ऊँ नमः कामाक्षी देवी ;अमुकी द्ध  में वशं कुरु.कुरु स्वाहा

7) एक अपने बाल लें तथा एक स्त्री के बाल (जिसे वश में करना हो) लेकर एक लौंग में लपेट लें उसपर सिंदूर लगा कर एक डिब्बे में रख दें। अब पूर्व दिशा में रूद्राक्ष की माला से मंत्र का जाप करें -

ऊँ  ह्लींम  सुंदरी देवी मम प्रिये आगच्छ.आगच्छ नमः

8) एक अपने बाल लें तथा एक स्त्री के बाल (जिसे वश में करना हो) लेकर निम्न मंत्र का जाप 108 बार करें फिर किसी सुनसान जगह पर जला दें - 

ॐ नमः कामाक्षी देवी में अमुक ; उस स्त्री का नाम जिसे आप वश में करना चाहते हैं द्ध सन क्रु क्रु स्वाहा ।

9) इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति आजीवन वश में रहता है - मंगलवार को निम्न सामग्री - काला कपड़ा, चावल, घी तथा एक मिट्टी का बर्तन तथा जिसे आप वश में करना चाहते है उसके बाल ले। एक हवन कुंड को प्रज्वल्लित करे फिर उसमें हल्दी पिसी हुई तथा स्त्री के बाल जला लें उसके बाद निम्न मंत्र का जाप करें। जब 100 मंत्र हो जाये तो थोड़ा सा चावल एवं घी डाले। अब सारी राख को बर्तन में डाल कर किसी सुनसान या श्मशान में रख आयेें। ध्यान रहे इस विधी को करते हुए कोई न देखे।

काली महाकाली कालिके परमेश्वरी !
सर्वानंदकरी देवी नारायणी नमोस्तुते  !!

10) कामाक्षी वशीकरण मंत्र -

ॐ नमरू कामाक्षी देवी ;कन्या का नामद्ध नारी मे वशं कुरु कुरु स्वाहा।

11) काल-भैरव वशीकरण मंत्र -

ॐ नमो काली भैरव निशि राती काल आया आधा
राती चलती कतार बंधे तू बावन बार पर नारी से राखे
गीर मन पकरि वाको लावे सोवति को जगाय लावे
बैठी को उठाय लावे फुरो मंत्र इश्वरो वाचा।

12) चामुण्डा वशीकरण मंत्र -

ॐ नमो अघोरे ही अघोरे हुं घोर घोरतरे सर्व सर्वे
नमस्ते रूपे हरू ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे विच्चे
नवाक्षार चंडीमात्रेण निमंत्रयेत्तच बलिपुर्वकम्।

13) नमक से वशीकरण -

ॐ नमो भगवती भागम भागी देवी प्यारे (व्यक्ति का नाम) मूझसे वशी करा करा स्वाहा।

14) कामदेव वशीकरण मंत्र -

ॐ कामदेवाय विद्महे, रति प्रियायै धीमहि, तन्नो अनंग प्रचोदयात्

15) कामदेव शाबर मंत्र -

ॐ नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो भवामि यस्य यस्य मम मुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहा।

16) शुक्र मंत्र - 
क) ॐ द्रां द्रीं द्रौं शूक्राय नमः
 ख) ॐ शं सम्मोहनाय फट्।

17) गोरखनाथ वशीकरण मंत्र - 

ओम एक नमक रमता माता, दूसरा नमक विरह से आता।
तीसरा नमक औरी.बौरी, चैथा नमक रहै कर जौरी।
यह नमक अमुक 1 खाए, अमुक 2 को छोड़ दूसरा नहीं जाए।

(1 का मतलब वशीकरण करने वाले तथा 2 का मतलब वशीकरण किये जाने वाले व्यक्ति।)

17) पति वशीकरण मंत्र -

क) ओम र्हीं क्लीं कलिकुंड स्वामिनी अमृत वक्र अमुकं जुमभय मोहय स्वाहा!!
ख) ओम नमो भगवती मातंगेश्वरी सर्व मन रंजनी सर्वषान महातगे कुवरी के नंद नंद जिव्हे सर्व जगत वश्य मानय स्वाहा!!


मोहिनी वशीकरण टोटके -

1) शुभ मुहूर्त में आसन लगाएं तथा बिना हिलेडुले रुद्राक्ष की माला पर निम्नलिखित मंत्र का 11 माला जाप करें-

मोहिनी मोहिनी कहा चली । बाहर खुदाई काम कन चली ।
फलानी फलाने को देखै, जरै मरै ।  मेरे को देखकर पायन पडै ।
छु मंत्र काया एआदेश, गुरु की शक्ती, मेरी भक्ति, फूरो मंत्र ईश्वरो वाचा ॥

2) नित्य सरसो के तेल का दीपक जलाकर 41 दिनों तक निम्नलिखित मंत्र का दो घंटे तक पाठ करें.

तेल तेल गौरी का खेल राजा प्रजा कौन्सल चलके मेरे और मेरे परिवार के
पैरी मेल मन मोहे तन मोहे मोहे सभी शरीर मोहे पंजे पीर
जय फूला कम करे खुल्ला मलंगी तोड़े तंगी

3) स्त्री वशीकरण शाबर मंत्र - 

ॐ भगवती भग भाग दायिनी देव दत्तीं मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा

3) शाबर मंत्र, तिलक द्वारा वशीकरण -

ॐ नमो आदेश गुरु को !राजा मोहुँ द्य प्रजा मोहुँ द्य मोहुँ ब्राह्मण बनियाँ द्य हनुमन्त ब्राह्मण बनियाँ !
हनुमन्त रूप मे जगत मोहूँ ! तो रामचन्द्र परमाणियाँ ! गुरु की शक्ति ! मेरी भक्ति ! फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा !

4) चमेली के तेल से शाबर वशीकरण -

ॐ नमो मन मोहिनी द्य मोहिनी चला, गैर के मस्तक धरा, तेल का दीपक जला, जल मोहुँ , थल मोहुँ, मोहुँ सारा जगत, मोहिनी रानी जा शैया पै ला , न लाये तो गौरा पार्वती की दुहाई, लोना चमारिन की दुहाई, नहीं तो वीर हनुमान की आन

चमेली के तेल को एक डब्बे में रख लें उपरोक्त मंत्र का जाप 7 बार करे तथा हा बार तेल पर फुंक मारें। अब इस तेल को जिस स्त्री को वश में करना हो उस पर छिड़क दें।

5) आँखों से शाबर वशीकरण मंत्र -

एं भग भुगे भगनी भागोदरि भगमाले यौनि भगनिपतिनि सर्वभग संकरी भगरूपे नित्य क्लै भगस्वरूपे सर्व भगानि मे वशमानय वरदेरेते सुरेते भग लिन्कने क्लीं न द्रवे क्लेदय द्रावय अमोघे भग विधे क्षुभ क्षोभय सर्व
सत्वामगेश्वरी एं लकं जं ब्लूं ब्लूं भैं मौ बलूँ हे हे क्लिने सर्वाणि भगानि तस्मै स्वाहा!

 इस मंत्र का जाप करते हुए यदि किसी स्त्री से नजर मिलाई जाये तो वह वशीभूत जो जाती है !

6) पान से शाबर वशीकरण मंत्र -

श्री राम नाम रबेली अकनकबीरी! सुनिए नारी ! बात हमारी !
एक पान संग मंगाय ! एक पान सेज सौं लावै ! मक पान मुख बुलावै !
हमको छोड़ और को देखै तो तेरा कलेजा मुहम्मद वीर चक्खे !

7) सिद्ध शाबर मंत्र - ॐ शिव गुरु गोरखनाथाय नमः 

8) भैरवः पूर्णरूपो हि शंकरः परात्मनः। मूढ़ास्ते वै न जानन्ति मोहिता शिवमायया।

9) ॐ नमोः काल भैरूं काली रात काला चाल्या आध रातए
काला रेत मेरा वीरए पर नारी के राखे सीर बेगी जा छाती धर लाए
सूती हो जो जगाय लाए शब्द सांचा पिण्ड कांचा पफूरो मंत्रा ईश्वरी वाचा।

10) शूकर.दन्त वशीकरण - 

ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं वाराह.दन्ताय भैरवाय नमः।

विधि. ष्शूकर.दन्तष् को अपने सामने रखकर उक्त मन्त्र का होली दीपावलीए दशहरा आदि में १०८ बार जप करे। फिर इसका ताबीज बनाकर गले में पहन लें। ताबीज धारण करने वाले पर जादू.टोनाए भूत.प्रेत का प्रभाव नहीं होगा। लोगों का वशीकरण होगा। मुकदमें में विजय प्राप्ति होगी। रोगी ठीक होने लगेगा। चिन्ताएँ दूर होंगी और शत्रु परास्त होंगे। व्यापार में वृद्धि होगी।

11) हनुमान मोहिनी मंत्र: -

ओम नमो महावीरएहनुमन्त वीर स धाय.धाय चलोएअपनी मोहिनी चलाओएअमुक के नैन बाँधएमन बाँधएकाया बाँध, घर बाँध, द्वार बाँध मेरे लियेएना बाँधे तो मेरी आण.मेरे गुरू की आणएछु वाचापुरी !

आशा करता हुँ कि यह लेख आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगा तथा एक विनती के साथ विदा लेता हुँ कि आप इसका प्रयोग किसी गलत कार्य हुतु न करें यह मंत्र तथा उपाय जनकल्याण के लिए करें।

गुरुवार, 8 मार्च 2018

नौकरी में प्रमोशन के उपाय

नौकरी में प्रमोशन के उपाय

          जो व्यक्ति सरकारी या गैर सरकरी नौकरी पेशा में कार्यरत हैं एवं उनका प्रमोशन नहीं हो रहा है, वे अपने पदोन्नति ओ सैलरी इंक्रीमेंट के इन्तजार में है यह लेख उनके लिए यह लेख अनुपम वरदान साबित होगा। हमारे ज्योतिष विद्या में दशम भाव कर्म का होता है दशम भाव मे स्थित ग्रह तथा राशि यदि अनुकूल नहीं होता है तो उस जातक को पदोन्नति में कठिनाइओं का सामना करना पड़ता है। सूर्य, शनि, गुरू, बुध इत्यादि ग्रहों के भाव तथा इन ग्रहो के उच्य तथा नीच होने के संयोग से व्यक्ति का कर्म भाव प्रभावित होता है। इन सब दोष को दूर करने के लिए भारतीय ज्योतिष विद्या में, लाल किताब में तथा कुछ टोटके जिसमें से कोई एक या दो उपाय को लगातार करने पर जातक को अवश्य ही सफलता मिलती है -

मंत्र तथा पूजा-पाठ के द्धारा -

1) शनिवार को सूर्यादय के पहले अपना बिस्तर छोड़ दें, नित्य क्रिया से            निवृŸा होकर शनिदेव की पूजा करें तथा निम्न मंत्र का पाठ 1008              बार रूद्राक्ष के माला से करें

        ऊँ नम: भगवती पद्मावती ऋद्धि.सिद्धि दायिनी दुख.दारिद्रय                        हारिणी  श्रीं श्रीं ऊँ नमरू कामाक्षाय ह्रीं ह्रीं फट् स्वाहा।

2) जातक की पत्नी को लाल या गुलाबी वस्त्र धारण करके कनकधारा              स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

3) जातक की पत्नी को लाल या गुलाबी वस्त्र धारण करके मंगलचण्डी              स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

4) जातक को तरक्की के लिए गुरूवार को पीला वस्त्र धारण करना                चाहिए, दान में चने की दाल, पीला केला या पीला वस्त्र दान करें यथा          संभव पीला भोजन करने का भी प्रयास करें।

5) ॐ  एकदन्ताय    विद्महे   वक्रतुण्डाय  धीमहि  ! तन्नो  दंती                        प्रचोदयात  ! 
        गणेशजी के इस मंत्र का नित्यप्रतिदिन पाठ करें।

6)  शं शनैश्चराय नम:। मंत्र का 108 बार मंत्रों का जाप करेंए ऐसा                करने से नौकरी में प्रमोशन मिलता है।

7) शिव को  प्रसन्न करें . श्री शिवाय नमरू श्री शंकराय नमरू श्री                    महेशवराय नमरू श्री सांबसदाशिवाय नमरू

8) गणेश जी को प्रसन्न करें - ॐ श्री गणेशाय नम: गं गणपतये नम:                  ॐ गं गणपतये नमरू ॐ गं ॐ

9) तरक्की के लिए गायत्री मंत्र का पाठ करें - ॐ भूर्भुवरू स्वः।                      तत्सवितुर् वरेण्यं ।।भर्गो देवस्य धीमहि। धियो योनः प्रचोदयात्।

इन उपायों में से किसी एक टोटके को लगातार करते रहें -
1) पीपल के पत्ते की माला बनाकर हनुमान जी को चढायें।

2) सात तरह का आनाज लेकर किसी मैदान, पार्क या अपने छत पर              बिखड़ा दे चिड़ियों को खाने के लिए।

3) गेहुं एवं गुड़ को किसी बर्तन में रख कर किसी गाय को श्रद्धापूर्वक              एवं  स्नेह के खिलायें।

4) गोमती चक्र को चाँदी के तार में बांध कर हमेशा अपने पास रखें। यह          कार्य शुक्लपक्ष के सोमवार को करें।

5) अपने घर में बजरंगबली का उड़ता हुआ तश्वीर लगायें एवं उनके                सामने हनुमान चालिसा का पाठ करें।

6) मंगलवार तथा शिनिवार को बड़गद के पत्ते पर आटे का दिया                    जलाकर हनुमान जी के मंदिर में रखें।

7) हरे रंग के कपड़े में एक इलाइची बांध कर अपने सिरहाने में रखें                तथा  सुबह में किसी बाहरी व्यक्ति को दें।

8) हनुमान मंदिर में मीठा पान चढाएं।

9) शनिदेव का पूजन करें तथा बीज मंत्र का जाप करें।

10) सूर्यदेव का पूजन करें तथा बीज मंत्र का जाप करें।

11) हनुमान जी का पूजन करें, हनुमान चालीसा का पाठ रात्रि में 12 बजे के बाद करें, बीज मंत्र का जाप करें।

12) मंगलवार को बजरंगबाण का पाठ करें।

13) मंगलवार को बजरंगबली के मंदिर में सिंदूर अर्पण करें।

14) मंगलवार तथा शनिवार को बजरंगबली के मंदिर में दीप दान करें।

15) घर से निकलते वक्त अपने साथ आटा एवं गुड़ लेकर जाए एवं जहाँ            गाय मिले उसे खिला दें कल्याण होगा।

17) प्रातः काल में सूर्य देवता को जल अर्पण करें।

लाल किताब के अनुसार उपाय एवं टोटके - 

1) उस कुंआ में दूध डालें जिसमें पानी न हो।

2) काला कम्बल किसी गरीब को दान करें।

3) सात तरह के आनाज चिड़ियों को खिलायें।

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बुधवार, 7 मार्च 2018

व्यापर में वृद्धि के अचूक उपाय

व्यापर में वृद्धि के अचूक उपाय

           क्या आपका व्यापार नहीं चल रहा है ? क्या आपके व्यापार घाटा में चल रहा है ? क्या आप चाहते है कि आपके व्यापार में उन्नŸिा हो, आपको अपने कारोबर मंे दिन दूना रात चैगुना बृद्धि हो ? गा्रहकों की भीड़ आपके संस्थान में लगा रहे। आपके लाख प्रयास के बावजूद आपको सफलता नहीं मिल रहा है ? कइ बार अच्छा-खासा व्यापार में अचानक नुकसान होने लगता है। व्यापार में व्यवधान के कई कारण हो सकते हैं ज्योतिषिय, वास्तु और विपरीत टोटके इत्यादि। अपने व्यापार, आॅफिस एवं वृŸिा, में सौ प्रतिशत सफलता प्राप्ति के लिए यहाँ दिये गये मंत्र, यंत्र तथा टोटके का प्रयोग करें सफलता आपके कदम चूमेंगी और आपके कारोबार में चार-चाँद लग जायेगा।

           कई लोग यह सोचते रह जाते हैं कि मंत्र का प्रभाव होगा कि नही ? वास्तु से क्या होगा ? टोटके बेकार तो नहीं चले जायेगा ? इत्यादि इत्यादि। किसी उपाय करने से पहले उस पर विश्वास करना अत्यंत जरूरी होता है तभी आप दिल से उसको करेंगे और वह फलित भी होगा।दान ही धर्म है का यह सनातन धर्म का नियम है कि जितना आप देंगें ईश्वर उसे दोगुना करके आपको लौटा देते हैं। तो आइये इस कल्याणकारी उपाय को जानते हैं -
मंत्र तथा पूजा पाठ के द्वारा उपाय -

1) अपने व्यापार या आॅफिस में पहुँच कर सबसे पहले लक्ष्मी-गणेश की मूर्Ÿिा के सामने धूप-अगरबŸाी दिखाकर इस मंत्र का पाठ करें।    ऊँ श्री शुक्ला महाशुक्ला निवासे। श्री महालक्ष्मी नमः।

2) पारद शिवलिंग पर अभिषेक करें।

3) प्रत्येक शुक्रवार को लक्ष्मीनारायण मंदिर में चना एवं गुड़ का वितरण करें।

4) हिंजरों को वस्त्र एवं रूपये दान में दें तथा उससे एक का सिक्का मांग लें।

5) ऊँ ह्रीं ऐं व्यापार ऊँ वुद्धि ऊँ नमः।

6) ऊँ कार्य सिद्धि ऊँ नमः।

7) लाल वस्त्र पर लक्ष्मी महालक्ष्मी यंत्र को रखकर अर्धरात्रि मेें रखकर नित्य एक माला (अर्थात 108 बार जाप) इस मंत्र का करें।
ऊँ नमों भाग्य लक्ष्मै च विदमहे अष्ट लक्ष्मै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्। 

8) ऊँ हुं फट्। का पाठ करें।

9) तांबे के लोटे में मिर्ची के बीज डाल कर जल के साथ सूर्य देवता को अर्पण करें और इस मंत्र का उच्चारण करें - तांबे के लोटे में मिर्ची के बीज डाल कर जल के साथ सूर्य देवता को अर्पण करें और इस मंत्र का पाठ करें - ऊँ ही्रं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ऊँ।

10) किसी शुभ कार्य हेतु निकलने से पहले श्री गणेशाय नमः का जप कर के निकलें कार्य अवश्य सफल होगा।

11) व्यापार में वृद्धि के लिए निम्न मंत्र का पाठ करें। -
        तांबे के लोटे में मिर्ची के बीज डाल कर जल के साथ सूर्य देवता को           अर्पण करें और इस मंत्र का 
       ऊँ श्रीं ही्रं क्लीं महालक्ष्म ैनमः। 
       ऊँ महालक्ष्मै विदमहे महाश्रियं च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्।
       ऊँ या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता।
       नमतस्यै नमतस्यै नर्मस्य नमो नमः।

12) दिपावली के दिन श्री कुबेर यंत्र की पूजा करनी चाहिए।

13) व्यापार में वृद्धि के लिए इस मंत्र का पाठ करें।

        ऊँ श्री शुक्लः महाशुक्लेहः निवासै। श्री महालक्ष्मीहः नमोहः नमः।

14) व्यापारिक संस्थान में गा्रहकों की संख्या में वृद्धि के लिए निम्न मंत्र              का  जाप करना चाहिए।
        ऊँ नमः शिवाय।

15) विल्वाष्टकम का पाठ करना चाहिए।

16) गा्रहकों की वृद्धि के लिए शमी के पेड़ की लकड़ी को पान में लपेट            कर अपने गल्ले में रखना चाहिए।

17) प्रदोष वृत रखें , संध्या काल में अश्वगंध के पुष्प को घी में डुबाकर                शिवजी का पंचोपचार पूजन के पश्चात निम्न मंत्र का जाप करें -
        ऊँ श्रीं श्रीं श्रीं परमाम् सिद्धि श्रीं श्रीं श्रीं।
18) व्यापारिक संस्थान में लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा के सामने निम्न मंत्र का          पाठ करें -
        ओम नमो भगवती पद्म पद्मावती ओम ह्रीं श्रीं पूर्वायए                                  दक्षिणायएपश्चिमायएउत्तरायएआणुपूरय सर्व जन वश्यं कुरु स्वाहा
19) श्रीकृष्ण भगवान का निम्न मंत्र का जाप करें -
        ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः।

 कुछ टोटके दिये जा रहे है जो व्यापार वृद्धि में अचूक सफलता का सूचक है -

1) 12 गोमती चक्र को लाल रंग के कपड़े में बांध कर अपने दुकान                  अथवा आॅफिस के बाहर लटका दें। इससे आपके व्यापार संस्थान में          आनेवाले ग्राहकों की संख्या बढेगी।
2) प्रतिदिन श्रीयंत्र एवं कुबेर यंत्र की पूजा पंचोपचार के साथ करें। एक           पीला कपड़ा लें, उसमें नागकेसर, 11 हल्दी, 11 सुपाड़ी, 11 गोमती             चक्र, 11 छेद वाले तांबे के सिक्के, और 11 मुटठी पीला अरवा चावल           इन सभी सामाग्री को बांध कर कंुकुम, केसर एवं हल्दी को घोलकर         21 बिंदी लगायें। घी का दीपक जलायें और लक्ष्मी के बीज मंत्र का               108 बार पाठ करें।

3) अपने व्यापारिक स्थान में पीली सरसों, तिल, साबुत नमक, एवं                  धनियाँ  मिलाकर रख दें।

4) अपनी तिजोरी या आलमीरा में कोई भी नोट 101 रखें तथा जेब में              हमेशा कुछ सिक्के रखें।

5) दुकान या आॅफिस मे गल्ला हमेंशा उŸार दिशा में होना चाहिए।

6) भवन बनवाते समय भवन के नींव में 11 कौड़ियाँ रखें।

7) मंगलवार तथा शनिवार को काले धागे में सात हरी मिर्च और एक                निंबू  सुबह बांध दें। ध्यान रहे यह तैयारी व्यापारी की पत्नी एवं बेटी के          द्धारा हो तो अधिक लाभदायक सिद्ध होगा।

8) एक नारियल को लाल रंग के चमकीले कपडे़ में बांध कर व्यापार                वाले स्थान में गल्ला में रख दें।

9) किसी काम के लिए निकलने से पहले अपने इष्टदेव का ध्यान कर लें।

10) कपूर एवं रोली को जलायें उसकी राख को पुड़िया बनाकर आलमीरा          या तिजोरी में रख दें।

11) शनिवार को तेल चुपड़ी हुई रोटी कुŸो को खिलायें।

12) दीपावली के संध्या को अशोक वृक्ष की पूजा करें एवं दीपक जलायें।

13) घर या कार्यालय में 6 मोर के पंख रखें।

14) शनिवार को पीपल के पŸो को तोड़कर लायें उसे अपनी गद्दी के              नीचे रख दें ऐसा 7 शनिवार तक करें।

15) कार्यस्थल में प्रवेश करते समय अपनं दाहिना हाथ से जमीन को छू              कर मस्तक पर तिलक लगावें।

16) अगर आपके व्यापार से किसी को जलन हो रहा हो तो साबुत                    फिटकरी लेकर दुकान के बाहर किसी चैराहे पर फेंके।

17) घर, दुकान या आॅफिस में सरसों रखें इससे व्यापार में वुद्धि होगी।

18) किसी शुभ नक्षत्र को जामुन की जड़ को निकाल कर अपने पास रख          लें।

19) एक मिट्टी का शेर माता दुर्गा को चढावें सारे कष्ट दूर होंगे।

20) यदि व्यापार, नौकरी या कार्य क्षेत्र में लगातार हानि का सामना करना          पडे़ तो झाड़ु को ऐसे स्थान पर रखे जो बाहरी व्यक्ति को न दिखे।

21) 11 पीपल के पŸो को गंगाजल से धो कर लाल चंदन से हर पŸो            पर सात बार राम नाम लिख कर हनुमान मंदिर में चढा दें तथा प्रसाद          बांटे तथा ऊँ हं हनुमते रूद्रात्मकाय हुं फट् स्वाहा।

22) गाय, कुŸो, कौवे एवं चींटी को भोजन जरूर करावें क्योंकि शास्त्र            में  कहा गया है कि आय का कुछ भाग इनके भोजन तथा दान में                जरूर लगाना चाहिए।

23) एक निंबु में चार लौंग गाड़ दें तथा उसे अपने हाथ में रखकर निम्न मंत्र          का 21 बार जाप करें क्क श्री हनुमते नमः

24) शुक्ल पक्ष के गुरूवार को अपने माथे पर केसर एवं चन्दन का                    तिलक  लगाकर राममंदिर में दण्डवत प्रणाम करें।

25) यदि कि कार्य के लिए घर या आॅफिस से निकलें तो गुड़ खा कर                  निकलें यह शुभ होता है।

26) यदि कि कार्य के लिए घर या आॅफिस से निकलें श्री गणेशाय नमः का          जाप कर के निकलें यह शुभ होता है।

27) यदि कि कार्य के लिए घर या आॅफिस से निकलें तो तुलसी के पŸो            खा कर नकलें यह शुभ होता है।

28) कभी भी ब्रम्हमुहुर्त या संध्या काल में झाडु़ न लगावें।

29) मछलियों को आटे की गोली बना कर खिलायें।

30) घर या आॅफिस से निकलने से पहले हरी इलायची अपने हाथ में                  लेकर  श्रीं श्रीं बोलें फिर उसे खा ले और पीछे मुड़कर न देखें कार्य              शुभ होगा।

31) शनि देव की आराधना करें।

32) सूर्य देव की आराधना करें।

33) हनुमान जी की पूजा करें।

34) माँ काली की पूजा अमावश्या को करें एवं नारियल फोडें।

35) शिवजी की आराधना करें।

36) भगवान विष्णु की पूजा करें।

37) गौ माता की सेवा करें।

38) एकादशी का व्रत रखें।

39) तुलसी की पूजा करें।

40) अपने घर या संस्थान में एक उल्लु की तश्वीर लगावें।

41) इक्वेरियम लगावें उसमें 9 गोल्डेन और एक काली मछली डालेें।

42) अपने पूजा स्थान में उड़ते हुए हनुमान जी के तश्वीर लगावेें।

43) प्रत्येक माह सोमवार को सफेद कपडे़ में चावल डालकर माँ काली              के  मंदिर में अर्पण करें।

44) यदि व्यापार में हानि हो रहा हो तो अपने वनज के बराबर कोयले को          जल में प्रवाहित कर देें।

45) काले तिल को घर के सभी सदस्यों को नियोक्षावर कर के उŸार              दिशा में फेंक दें।

46)   हर शनिवार को काले तिल का दान करे।


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मंगलवार, 6 मार्च 2018

कर्ज मुक्ति के सरल उपाय एवं टोटके

           साथियों  कोई भी व्यक्ति जान बूझ कर कर्ज नहीं लेता है जीवन मेें कुछ ऐसी परिस्थितियाँ आती है जब मनुष्य को किसी न किसी से कर्ज लेना पड़ता है। और ये कर्ज सुरसा की तरह अपना मुँह फैलाये सारे आय को निगल जाता है। आजकल आधुनिक सुख सुविधा की पूर्ति के लिए भी बैंक से कर्ज लेते हैं जिसे चुकाने के लिए उन्हें नाकों चने चबाना पड़ता है। धीरे-धीरे यह कर्ज तथा उसका व्याज बढता चला जाता है और व्यक्ति आर्थिक बोझ से दब जाता है। यदि आप भी इन कालजयी कर्ज के चक्कर में फंस गयें हो तथा लाख कोशिश के बावजूद कर्ज के बोझ से बाहर नहीं निकल पा रहें हों तो आइये मैं यहाँ कुछ मंत्र एवं कुछ टोटके बताने जा रहा हूँ जिसके प्रयोग से आप आसानी से कर्ज से मुक्ति पा सकते हैं -

कर्ज मुक्ति के लिए मंत्र -

1) ऊँ ऋण-मुक्तेश्वर महादेवाय नमः

2) ऊँ मंगलमूर्तये नमः।

3) ऊँ गं ऋणहर्तायै नमः। (इन मंत्रो में से किसी एक मंत्र का नित्य 108            बार जाप करें)

4) ऊँ भू र्भूवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो ये नः                      प्रचोदयाद (सफेद कपड़ा में पाँच गुलाब फूल लेकर मंत्र का जाप करें)

5) मंगलवार को हनुमान जी का पूजन करें एवं ऋणमोचन मंगल स्तोत्र            का पाठ करें।



मङ्गलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रदः।
स्थिरासनो महाकयः सर्वकर्मविरोधकः ॥1॥
लोहितो लोहिताक्षश्च सामगानां कृपाकरः।
धरात्मजः कुजो भौमो भूतिदो भूमिनन्दनः॥2॥
अङ्गारको यमश्चैव सर्वरोगापहारकः।
व्रुष्टेः कर्ताऽपहर्ता च सर्वकामफलप्रदः॥3॥
एतानि कुजनामनि नित्यं यः श्रद्धया पठेत्।
ऋणं न जायते तस्य धनं शीघ्रमवाप्नुयात्॥4॥
धरणीगर्भसम्भूतं विद्युत्कान्तिसमप्रभम्।
कुमारं शक्तिहस्तं च मङ्गलं प्रणमाम्यहम्॥5॥
स्तोत्रमङ्गारकस्यैतत्पठनीयं सदा नृभिः।
न तेषां भौमजा पीडा स्वल्पाऽपि भवति क्वचित्॥6॥
अङ्गारक महाभाग भगवन्भक्तवत्सल।
त्वां नमामि ममाशेषमृणमाशु विनाशय॥7॥
ऋणरोगादिदारिद्रयं ये चान्ये ह्यपमृत्यवः।
भयक्लेशमनस्तापा नश्यन्तु मम सर्वदा॥ 8 द्यद्य
अतिवक्त्र दुरारार्ध्य भोगमुक्त जितात्मनः।
तुष्टो ददासि साम्राज्यं रुश्टो हरसि तत्ख्शणात्॥9॥
विरिंचिशक्रविष्णूनां मनुष्याणां तु का कथा।
तेन त्वं सर्वसत्त्वेन ग्रहराजो महाबलः॥10॥
पुत्रान्देहि धनं देहि त्वामस्मि शरणं गतः।
ऋणदारिद्रयदुःखेन शत्रूणां च भयात्ततः॥11॥
एभिर्द्वादशभिः श्लोकैर्यः स्तौति च धरासुतम्।
महतिं श्रियमाप्नोति ह्यपरो धनदो युवा॥12॥
द्यद्य इति श्री ऋणमोचक मङ्गलस्तोत्रम् सम्पूर्णम् !!

6) मंगलवार एवं शिनिवार को हनुमान चालीसा एवं बजरंग बाण का पाठ          करें।

7) शरणागतदीनार्तपरिन्नाणपरायणे सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि                      नमोऽस्तुते। का पाठ 108 बार करें।

8) हर महीने में शिवरा़ित्र (मासिक शिवरात्रि-कुष्ण पक्ष की चर्तुदशी)                आती है तो उस दिन संध्या काल में शिव मंत्र का जाप करें एवं                    शिवमंदिर में दीप दान करें। 


9) त्रयोदशी को मंगलवार (भौम प्रदोष योग मेें) के दिन नमक एवं मिर्च            का परित्याग करें संध्या काल शिवजी का पूजन करें एवं निम्न मंत्र का          जाप करें -


मुत्युंजयमहादेवाय त्राकिमां शरणागतम्। जनममृत्युराव्याधिपीड़ितः            कर्मबन्धनःै।।

10) आसमान में उड़ते हुए गरूड़ का दर्शन करें एवं भगवान वंेकटेश्वर            मंदिर में सुदर्शन होम करें।


11) नवरात्र में आठ अक्षरों का 1 अद्भुत मंत्र ऊँ ही्रं दुर्गाय नमः। का                जाप करें।

12) ॐ भूरिदा भूरि देहिनोए मादभ्रं भूर्या भर। भूरि धेदिन्द्र दित्ससि।
        ॐ भूरि दाह्यसि श्रुतः पुरुजा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि। 
        इस ऋगवेद मंत्र का जाप करें।

13) गजेन्द्र-मोक्ष-स्तोत्र का पाठ करें।


14) ऋण.परिहारक प्रदोष.व्रत 

        ष्प्रदोष व्रत के दिन अर्थात् कृष्ण.पक्ष एवं शुक्ल.पक्ष की त्रयोदशी                तेरसद्ध तिथि को प्रातःकाल स्नानादि कर भगवान् शंकर का                        यथा.शक्ति पञ्चोपचार या षोडशोपचार से पूजन करें। फिर                        निम्नलिखित ष्विनियोगष् आदि कर निर्दिष्ट मन्त्र का यथाशक्ति २१ए            ११ए १ माला या केवल ११ बार जप करे।

विनियोगः. ॐ अस्य अनृणा.मन्त्रस्य श्रीऋण.मुक्तेश्वरः ऋषिः। त्रिष्टुप् छन्दः। रुद्रो देवता। मम ऋण.परिहारार्थे जपे विनियोगः।

ऋष्यादि.न्यासः. श्रीऋण.मुक्तेश्वरः ऋषये नमः शिरसि। त्रिष्टुप् छन्दसे नमः मुखे। रुद्र.देवतायै नमः हृदि। मम ऋण.परिहारार्थे जपे विनियोगाय नमः सर्वांगे।


कर.न्यासः. ॐ अनृणा अस्मिन् अंगुष्ठाभ्यां नमः। अनृणाः परस्मिन् तर्जनीभ्यां नमः। तृतीये लोके अनृणा स्याम मध्यमाभ्यां नमः। ये देव.याना 


अनामिकाभ्यां नमः। उत पितृ.याणा कनिष्ठिकाभ्यां नमः। सर्वाण्यथो अनृणाऽऽक्षीयेम करतल.कर.पृष्ठाभ्यां नमः।


अङग.न्यासः. ॐ अनृणा अस्मिन् हृदयाय नमः। अनृणाः परस्मिन् शिरसे स्वाहा। तृतीये लोके अनृणा स्याम शिखायै वषट्। ये देव.याना कवचाय हुम्। उत पितृ.याणा नेत्र.त्रयाय वौषट्। सर्वाण्यथो अनृणाऽऽक्षीयेम अस्त्राय फट्।

ध्यानः.
ध्याये नित्यं महेशं रजत.गिरि.निभं चारु.चन्द्रावतंसम्ए
रत्नाकल्पोज्ज्वलांगं परशु.मृग.वराभीति.हस्तं प्रसन्नम्।
पद्मासीनं समन्तात् स्तुतममर.गणैर्व्याघ्र.कृत्तिं वसानम्ए
विश्वाद्यं विश्व.बीजं निखिल.भय.हरं पञ्च.वक्त्रं त्रिनेत्रम्।।

15) श्री सूक्त का पाठ करते हुए घी की आहूति देें।

16) ऊँ ऋणमोचने स्वाहा।


17) कर्ज से मुक्ति पाने के लिए गणेश जी का पूजन करना चाहिए तथा              इस  मंत्र का जाप करना चाहिए -


ऊँ गणेश ऋणं छिन्दिं वरेण्यं, हुम फट् स्वाहा।


18) ऊँ अत्रेरात्मप्रदानेन यो  मुक्तो भगवान् ऋणात् दŸाात्रेयं तमीशानं              नमामि ऋणमुक्तये।। का पाठ करें।


नवरात्र में राशि के अनुसार पूजा एवं जप -


मेष राशि - इस राशि के लोग अगर माँ दूर्गा के पंचम स्वरूप स्कंद माता की पूजा निष्ठा के साथ करें तो उनकी सारी मनोकामना पूर्ण होती है।


वृषभ राशि - इस राशि के लोगों को माँ दूर्गा के अष्टम स्वरूप माहागौरी की पूजा करना चाहिए उन्हें अवश्य मनचाहा फल की प्राप्ति होगी।


मिथुन राशि - मिथुन राशि के लोगों को माता दूर्गा के द्वितीय स्वरूप ब्रम्हचारिणी स्वरूप जो ज्ञान के प्रदाता हैं की आराधना करनी चाहिए।


कर्क राशि - इस राशि के लोगोें को माँ दूर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री का पूजन करना चाहिए  


सिंह राशि - इस राशि के लोगोें को माँ दूर्गा के चतुर्थ स्वरूप कूष्माडेति  का पूजन करना चाहिए  


कन्या राशि - इस राशि के लोगोें को माँ दूर्गा के द्वितीय ब्रम्हचारिणी स्वरूप का पूजन करना चाहिए  


तुला राशि - इस राशि के लोगोें को माँ दूर्गा के अष्टम स्वरूप महागौरी का पूजन करना चाहिए ।


वृश्चिक राशि - इस राशि के लोगोें को माँ दूर्गा के पंचम स्वरूप स्कंदमाता का पूजन करना चाहिए ।


धनु राशि - इस राशि के लोगोें को माँ दूर्गा के तृतीय स्वरूप चंन्द्रघण्टेति का पूजन करना चाहिए  


मकर राशि - इस राशि के लोगोें को माँ दूर्गा के सप्तम स्वरूप कालरात्रि का पूजन करना चाहिए ।


कुंभ राशि - इस राशि के लोगोें को माँ दूर्गा के सप्तम स्वरूप कालरात्रि का पूजन करना चाहिए ।


मीन राशि - इस राशि के लोगोें को माँ दूर्गा के तृतीय स्वरूप चंन्द्रघण्टेति का पूजन करना चाहिए। 


हमारे शास्त्रों में एवं ज्येतिषी विज्ञान के अध्ययन से जिन उपायों का पता चलता है यदि उन्हें श्रद्धा भाव से किया जाय तो कर्ज से मुक्ति संभव होने लगता है और व्यक्ति कर्ज से मुक्त होने लगता है -


1) शास्त्रों के अनुसार मंगलवार एवं बुधवार को कर्ज के लेन-देन करने            से  निषेध किया गया है इसका पालन करें।


2) शनिवार को ऋणमुक्तेश्वर महादेव का पूजन करें।


3) मंगल की भातपूजा, दान, होम एवं जाप करें।


4) लाल, सफेद वस्त्रों का अघिक से अधिक प्रयोग करें।


5) श्री गणेश भगवान को नित्य दूर्वा एवं मोदक का भोग लगाएं।


6) शिवलिंग पर गाय का दूध चढाएं।


7) कर्ज का पहला तथा हर किस्त मंगलवार को ही चुकाएं इससे कर्ज              जल्द ही समाप्त हो जायेगा।


8) घर में दक्षिण-पश्चिम हिस्से में शौचालय नहीं बनाना चाहिए।


9) घर या दुकान में उŸार-पुर्व दिशा में काँच लगाना चाहिए।


10) घर या दुकार में जल का स्थान उŸार दिशा में रखना चाहिए।


11) रसोई घर का रंग नीला नहीं होना चाहिए।


12) प्रतिदिन लाल मसूर का दान करें।


13) वास्तु के अनुसार ईशान कोण को साफ-सुथरा रखें।


14) सिद्ध-कुंजिका-स्तोत्र का पाठ प्रतिदिन करना चाहिए।


15) घर की चैखट पर काले घोडे़ का नाल किसी योग्य पुरोहित से                      अभिमंत्रित कर लगाना चाहिए।


16) श्मशान के कुएं से जल निकाल कर पीपल के वृक्ष पर चढाना चाहिए।


17) सर्व-सिद्धि-बीसा-यंत्र धारण करना चाहिए।


18) हमेशा भोजन में गुड़ का प्रयोग करें।


19) ऋणमुक्ति की प्रार्थना करें और पूरी श्रद्धा के साथ नीचे लिखे मंत्र का            जप करें।


        मंत्र गणेश ऋण हिन्दी वरेण्यं हुं नम: फट्।


इस मंत्र के जप से शीघ्र ही आपको कर्ज से मुक्ति मिलेगी।


20) तांबे के पात्र में लाल मिर्च के बीज डाल कर सूर्य को अघ्र्य देें।


21) नवरात्रि में गेहुं के आटे में अधिक मात्रा में जल मिलाकर लेइ बना लें            फिर उसे बहते हुए नदी में प्रवाहित कर दें।


22) पिसे हुए कमलगट्टे को देसी घी में बनी बर्फी मिलाकर 21 आहूति देने          से कर्ज से मुक्ति मिलती है।


23) कमल के फूल की पŸिायांँ लें इन पर मक्खन एवं मिश्री लगाएं अब 


48 लौंग एवं 6 कपूर की आहूति देवी को अर्पण करें।


24) केले के जड़ में चावल रोड़ी, फूल, पानी डालें और नवमी के दिन                इसके जड़ को अपने तिजोरी में रख लें।


25) चावल रोड़ी, फूल, धूप, दीप तथा पीली कौड़ी से हरसिंगार की जड़            की पूजा करें एवं उसे धारण कर लें।


26) बुधवार को स्नान करने के बाद सबसे पहले गाय को हरा घास                    खिलाना चाहिए।


27) नित्य प्रतिदिन चींटियों को गुड़ का चारा डालें।


28) मंगलवार को भूल कर भी कर्ज न लें।


29) गुरूवार को तुलसी में गाय का दूध चढाने से ऋण से मुक्ति मिलती है।


30) उŸार दिशा में भारी वस्तु न रखें।


31) हनुमान मंदिर में मंगलवार तथा शनिवार को तेल एवं सिंदुर चढावें।


32) शनिवार के दिन एक मिटटी के दिये में सरसों का तेल भरकर इसे              अच्छी तरह से ढक दें अब इस दिये को किसी नदी या तालाब के                किनारे मिट्टी में दबा दें।

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सोमवार, 5 मार्च 2018

शीघ्र विवाह के ज्योतिष उपाय एवं टोटके


शीघ्र विवाह के ज्योतिष उपाय एवं टोटके
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    हर पिता की इच्छा होती है कि उसकी कन्या के लिए कोई सुयोग्य वर, मनचाहा जीवन साथी एवं समय पर कन्यादान हो जाए उसकी कन्या का जीवन सुरक्षित सुयोग्य वर को प्राप्त हो इसके लिए चिन्तित रहते हैं। हर लड़का एवं लड़की के अपने जीवन में अपने विवाह के सपने संजोते हैं। जिस प्रकार गर्भाधान संस्कार, जन्म संस्कार, मुंडन संस्कार, उपनयन संस्कार जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए जरूरी होता है उसी प्रकार समय पर विवाह संस्कार का होना भी जीवन में उतना ही जरूरी है जितना कि शिक्षा एवं रोजगार। कई बार जन्म कुण्डली में कई ऐसे योग होते हैं जिसकी अशुभ प्रभाव की वजह से ंविवाह योग्य हो जाने पर भी स्त्री या पुरूष के विवाह में विलंब होती है। लाख प्रयास के बाद भी रिश्ते नही लग पाते हैं मनोवांछित वर की प्राप्त नहीं होता है। 

          यदि आपकी कन्या के विवाह मेे कोई अड़चन हो तो शीघ्र विवाह के लिए कुछ मं़त्र एवं अचूक उपाय दिये जा रहें है जिससे विवाह में आनेवाले विघ्न-बाधाओं को दूर किया जा सकता है और शीघ्र विवाह के योग बनने लगते हैं। व्यक्ति को इन उपायों तथा मंत्रो के प्रयोग करने पर विपरीत स्थिति की प्रतिकूलता अनुकूलता में परिवर्तित होती है तथा श्रेष्ठ संबेधों का योग बनने लगता है -

शीध्र विवाह एवं मनोवांछित वर की प्राप्ति के लिए निम्न मंत्रों का पाठ करें -

- ऊँ ह्रीं गौर्ये नमः (नित्य इसका पाठ 108 बार करें)

- ऊँ सूर्याय नमः (नित्य ब्रम्हमुहूर्त में सूर्य को जल चढायें)


- हे गौरी शंकर अर्धागिनी यथा त्वं शंकर प्रिया।

        तथा माम कुरू कल्याणी कान्त कान्ता सुदुर्लभम्।।

(एक मास तक नियमित रूप से शिव एवं गौरी का पंचोपचार का पूजन करें उसें पश्चात पुष्प एवं विल्वपत्र चढावें)

माँ कात्यायनी के रूप में दूर्गा जी की पूजा करें तथा निम्न मंत्र का पाठ करें।
- कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरी। नंद गोप सुतं देवी पतिं मे              कुयते नमः। 

- 41 दिनों तक मंगल चंद्रिका स्तोत्र का पाठ करें।


- ऊँ ह्रीं कात्यायनी स्वाहा का पाठ एक माला अथार्त 108 बार करें।


- तुलसी माला से रामचरित मानस की निम्न मंत्र का पाठ करें 


सुनि सिय सत्य असीस हमारी पूजहि मन कामना  तिहारी


- ऊँ श्रीं वर प्रदाय श्री नमः मंत्र की माला का जाप करें।

- शिव-गौरी का पूजन करने के बाद इस मंत्र का जाप करें 

ऊँ नमः मनोभिलाषितं वरं देहि वरं ह्रीं ऊँ गौरा पार्वती देव्यै नमः


- ऊँ नमः शिवाय। का पाठ 108 बार करें।


- ऊँ सोमेंश्वराय नमः का पाठ करें एवं शिवजी को दूध चढावें।


- ऊँ ह्रं कामप्रदाय विप्र्रयाय नमः शिवाय। (शिव मंत्र)


- ह्रीं मंगले गौरि विवाहबाधां नाशय स्वाहा। (मंगलागौरी मंत्र)


- क्रों बीजात्मा नयनयोः पातु मां वानरेश्वरः हं हनुमते नमः। 


- ह्रीं ह्रीं गिरिजा पतये शिवशंकराय ह्रीं ह्रीं (सावन मास में नित्य इस मंत्र          का पाठ करें)


- क्लीं कुष्णाय गोविन्दाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा। मंत्र का जाप करें।


- ऊँ हो कामदेवाय रत्यै सर्व दोष निवारणाय फट् का पाठ करें।


यहाँ पर हम कुछ आसानी से किये जाने वाले अचूक उपाय बताने जा रहें है जिससे निश्चित रूप से वर एवं कन्या को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। 

1) गुरूवार को लड्डु बनायंे एवं विवाह की प्रार्थना के साथ किसी शिव          मंदिर मे चढावें।

2) सोमवार को 1200 गा्रम चने की दाल एवं सवा लीटर दूध का दान              करें यह प्रयोग तबतक करें जबतक लाभ न हो।


3) किसी कन्या के विवाह में जाएं एवं दुल्हन के हाथ से अपने हाथ में              मंेहदी लगवाए।


4) कन्या सफेद खरगोंश पालें तथा उसे अपने हाथों से भोजन करावे।


5) शनिवार के दिन सुन्दरकांड का पाठ करें।


6) विवाह योग्य युवक-युवती के विस्तर के नीचे किसी प्रकार का कबार            नहीं होना चाहिए।


7) गुरूवार को वट वुक्ष तथा केले के वुक्ष पर चल चढावें। तथा इस मंत्र            का पाठ करें - गौरी आवे, शिव जो व्यावे, अमुक (नाम) का विवाह      

        तुरंत सिद्ध करैं, देर ना करै, जो देर होए, तो शिव को त्रिशुल पडे़,                गुरू  गोरखनाथ की दुहाई फिरै। 

8) कुण्डली में मंगल दोष के कारण विवाह में देरी होती है अतः चाँदी              का  चैकोर टुकड़ा हमेशा अपने पास रखें।


9) तांबे एक चैकोर टुकड़ा जमीन में दबा देें।


10) आठ मीठी रोटियाँ कुŸो को खिलायें।


11) गाय को रोटी खिलायें।


12) छुहारे को सिरहाने में रखकर सोयंे।


13) गुरूवार को सिरहाने के नीचे हल्दी का गांठ रख कर सोयें।


14) विवाह योग्य कन्या को गुरूवार को पीला तथा शुक्रवार को सफेद              वस्त्र धारण करना चाहिए।


15) जिस समय विवाह के लिए परिजन जाए तो कन्या के सिर पर जल              छिड़क दें।


16) स देवि नित्यं परितप्यमानस्त्वामेव सीतेत्यभिभाषमाणः।

        दृढ़वतो राजसुतो महात्मा तवैव लाभाय कश्तप्रयत्नः।। का पाठ करें।

17) कन्या को 16 सोमवार का व्रत करना चाहिए।


18) विवाह योग्य वर एवं कन्या को सौभाग्य माला एवं विवाह निवारण यंत्र          की स्थापना करना चाहिए।


19) मंदिर मेें अनार का वृक्ष लगायें।


20) यदि कन्या मंगल दोष से ग्रसित हो तो दरवाजे पर लाल गुलाब लगायें।


21) 7 गुरूवार को बछड़े युक्त गाय को अपने हाथों से भोजन करावें।


22 मांगलिक दोष वाले वर एवं कन्या को हर मंगलवार को चंडिका स्तोत्र          का पाठ करना चाहिए।


23) अगर आप मांगलिक हैं तो हर मंगलवार को हनुमान मंदिर में जाकर          घी का दीपक जलायें और हनुमान जी को सिंदुर अर्पण करें।


24) प्रति शनिवार को शिवजी को काले तिल चढावें इससे शनि दोष मुक्त          होगा।


25) बहते हुए पानी में नारियल बहाएं राहू की बाधा समाप्त होगी।


26) शनिवार को सुन्दरकांठ का पाठ करें।


27) कृष्ण मंदिर में बांसुरी तथा पान अर्पण करें।


28) शहद से रूद्राभिषेक करें।


29) जल में चुटकी भर सिंदूर मिलाकर स्नान करें शीघ्र विवाह होगा।


30) अपने रिश्तेदार अथवा सहेली के विवाह वाले जोड़े को कुछ देर के              लिए पहने।


31) गणेशजी को मालपुए का भोग लगाए।


अब कुछ उपाय राशि के अनुसार बताया जा रहा है जिसके अनुसार विवाह संबंधी बाधाएं दुर होंगी।

वृष राशि - इस राशि वाले जातक का मंगल मंत्र 
ऊँ क्रां क्रीं क्रौं सः सौभाग्य नमः

मिथुन राशि - इस राशि वाले जातक को वृहस्पति के मंत्र का जाप करना चाहिए। 
ऊँ जां्र ज्रीं ज्रौं सः बृहस्पतये नमः।

कर्क राशि - कर्क राशि वाले शनि देवता को तेल दान करें तथा नित्य पीपल की परिक्रमा करके दीप दान करें। इस मंत्र का पाठ करें। 
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।

सिंह राशि - इस राशि के लड़का एवं लड़की को शनि देवता को तेल दान करें तथा नित्य पीपल की परिक्रमा करके इस मंत्र का पाठ करें। 
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः। 
संध्या काल में हनुमान मंदिर में दीप दान करें। सूर्य को अघ्र्य दें।

कन्या राशि - हल्दी-चंदन युक्त जल से स्नान करें सूर्य को अघ्र्य दें, बृहस्पति मंत्र का जाप करें। 
ऊँ जां्र ज्रीं ज्रौं सः।

तुला राशि - ऊँ क्रां क्रीं क्रौं सः सौभाग्य नमः 
का जप करें तथा मंगलवार का व्रत रखते हुए मंगलस्तोत्र का पाठ करें।

वृश्चिक राशि - जल में दूध डालकर स्नान करें, शुक्रवार का व्रत रखें तथा इस मंत्र का जाप करें। 
ऊँ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः। 

धनु राशि - ऊँ गं गणपतये नमः तथा ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।

मकर राशि - ऊँ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः। 
मंत्र से जप करें तथा चंद्रदेवता को दुग्ध मिश्रित जल अर्पण करें।

कुम्भ राशि - रविवार का व्रत रखें, सुर्यदेवता को लाल फूल तथा लाल कुंकुम मिश्रित जल अर्पण करें  एवं सुर्य मंत्र 
ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः का जाप करें।

मीन राशि - बुधवार का व्रत रखें, गणपति एवं बुध मंत्र का जाप करें।
ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।
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रविवार, 4 मार्च 2018

मनचाही सरकारी नौकरी के सरल उपाय

मनचाही सरकारी नौकरी के सरल उपाय
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            वर्तमान समय में सरकारी नौकरी की समस्या सबसे बढी समस्या है, योग्यता होने पर भी अथक प्रयास से भी सरकारी नौकरी नहीं मिलती है, कहा जाता है कि भगवान मिल जायेंगे लेकिन नौकरी नहीं मिलेगी। ऐसा क्यों होता है ? कोई ग्रह गोचर, समय, राशि के संयोग में कहीं न कहीं कोई दोष होता है जिसे आप हमारे ज्योतिषशास्त्र के कुछ प्रभावशाली मंत्र तथा उपाय से दूर कर सकते हैं। इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण तो नहीं है लेकिन पुर्वकाल सेे कुछ मान्यताएँ एवं कुछ टोटके चली आ रही है जिसके करने से किसी प्रकार का नुकसान नही होता है। मेरा मानना है कि सच्चे दिल से, कड़ी मेहनत और लगन हो तो दुनियाँ में सबकुछ हो सकता है। कोई भी टोटका या व्यक्ति के जीवन की परेशानियों को कम कर सकता है। 
          व्यक्ति के कुण्डली में जब तीन ग्रह सूर्य, गुरू और शनि का योग बनता है तो उस व्यक्ति को सरकारी नौकरी मिलते हैं। यदि इन तीन ग्रहों का योग न बन रहा हो या योग में कमी हो तो निम्न उपाय के द्धारा उन्हें प्रबल किया जा सकता है -

1) प्रातः काल गायत्री मंत्र का जाप करें। 

2) उसके बाद सूर्य को अघ्र्य दें।  


3) ऊँ घृणि सूर्यः आदित्याय नमः मंत्र का पाठ 108 बार करें।


4) रविवार का व्रत रखें।


5) माता-पिता की सेवा करें।


6) गुरूवार को पीला वस्त्र धारण करें तथा पीला भोजन करें।


7) गुरूवार को पीले वस्तुओं का दान करें।


8) पारदेश्वर शिवलिंग की पूजा एवं अभिषेक करें।


9) गाय को पीला केला खिलायें।


10) बुधवार को गणेशजी को दूर्वा अर्पण करें तथा गणेश चालीसा का पाठ          करें।

11) मोदक तथा बेसन के लड्डु गणेश भगवान को चढायें।


12) परीक्षा कक्ष में जाने वक्त अपने साथ कर्पूर एवं फिटकरी अपने साथ            रख लें।


13) नवरात्र के समय स्नान इत्यादि कर के माँ दूर्गा का पूजन करें एवं इस          मंत्र का पाठ 108 बार करें।


ऊँ ह्रीं वाग्वादिनी भगवती मम कार्य सिद्धि कुरू कुरू फ्ट स्वाहा। 


14) प्रतिदिन हनुमान मंदिर में जा कर ऊँ हं हनुमंते हंु रूद्रात्मकाय फ्ट          स्वाहा। का पाठ कम से कम 21 बार करें।


15) महामृतुंजय मंत्र का पाठ करें।


16) प्रतिदिन संध्या काल में शनि भगवान का मंत्र ऊँ शं नो देवीरभिष्टये              आपो भवन्तु पीतये शं योरभि स्रवन्तु नः।। का जाप करें।


17) वुहस्पतिवार का व्रत रखें, भगवान विष्णु की पूजा करे तथा इस मंत्र              का 108 पाठ करें।


करोमि यत् यत् सकलं परस्मै नारायणायेति समर्पयामि।।  


18) गायत्री मंत्र से तो सभी परिचित ही होंगे का प्रतिदिन पाठ 108 बार              करें।


19) नवरात्र के समय सुन्दरकांड का पाठ करें।


20) लक्ष्मीनारायण मंदिर में गुड़ और चना चढा कर लोगो को प्रसाद                  वितरण करें। 


21) नौकरी प्राप्ति हेतु बारहमुखी रूद्राक्ष धारण करें।


22) एक सफेद निंबु लें उसके चार बराबर टुकडे कर के चैराहे पर जा              कर  चारो दिशाओं में फेंक दें।


23) शुक्लपक्ष कि दिन से 21 दिनों तक किसी कुँए में कच्चा दूध डालें                ध्यान रहे कि कुँआ सूखा नही हो।


24) शनिवार को गाय को उबले हुए चावल का भोजन करावें।


25) रविवार को तांबे के पात्र में जल के साथ गुड़ मिलाकर सूर्य को अर्पण          करेें।


26) कौए को रोटी खिलायें।


27) घर से निकलने के पहले गुड़ खाकर और पानी पी कर निकलें।


28) एकादशी का व्रत रखें।

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