स्ंवेदनाहीन सामाज
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मानवता शर्मशार है, सामाज चुप है, धर्म गूंगा बन कर तमाशा देख रहा है, पुलिस खानापूर्ति कर रही है और हमारे हुक्मरान, सियासी नेतागण अपनी-अपनी रोटियाँ सेक रही है और सभी अंकित के धर की सियासी परिक्रमा कर रहे हैं। आज भी सभी होटलों में पार्टियाँ हो रही है। बार बालाएँ अपनी कमनीय छटा विखेर रही होंगी। सन्नाटा तो अंकित के घर में है, अंकित की माँ ही तो अपनी छाती पीट रही है ? कि घर का चिराग मिट गया अब वहाँ मौत का मातम और संन्नाटा पसरा है, अब बहाँ रौशनी नहीं होगी। माँ-बाप का इकलौते संतान की हत्या कर दी गयी। एक माली ने 23 वर्ष तक जिस पुष्प को सींचा, उस पौधे की सेवा कर फल देने लायक बनाया, अचानक एक पिचाश ने आकर उनके लाल-गुलाब की गला रेत कर नृशंस हत्या कर दी। आज के सामाज का जमीर मर गया है, या मर-मर कर जी रहा है ऐसे जीने से अच्छा तो एक बार ही मर जाना था या फिर एक सजीव के तरह इस घटना का गहन चिंतन कर एक ठोस निष्र्कष तक पहुँच कर निर्णय लेना चाहिए कि यह घटना दुबारा न हो सके।
आज हमारे मन में बार-बार यह घटना उद्वेलित कर रही है, क्या अंकित का मुस्लिम लड़की को इतने सिद्दद से प्यार करना इतना बड़ा गुनाह था जो उसकी जिंदगी लील गया ? क्या यह घटना अंर्तआत्माए व दिलो-दिमागा को नहीं झकझोरती ? क्या यह संगठित अपराध का उदाहरण है या यह आॅनर किलिगं या फिर किसी सम्प्रदाय की क्रूरता का चिर-परिचित उदाहरण है ? सवाल जो भी हो इसका समुचित उत्तर हमें अपने सामाज से और अपने मन से पूछना पड़ेगा। यह पहला कांड नहीं है इसके अनगिनित उदाहरण हमारे अखबार में भरे परे हैं चाहे वह रिजवानुर-रहमान केस हो या भावना-अभिषेक केस या मनोज-बबली केस या फिर नीतीश-कटारा हत्याकांड हो।
मोहम्मद कैफ ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर लिखा: ‘‘हम किस युग में जी रहे है, कोई अपनी पसंद के व्यक्ति से प्यार और शादी नहीं कर सकता और ये सब दिल्ली जैसे शहरी इलाके में हो रहा है। हत्यारों को शर्म आनी चाहिए और न्याय होना चाहिए और सबसे जरूरी बात कि यह मानसिकता बदलनी चाहिए।’’
अंकित सक्सेना अपने परिवार का इकलौता चिराग था। पेशे से वह एक फोटोग्राफर तथा यूट्युब चैनल का काम करता था और काफी पाॅपुलर भी था। इसी बीच एक मुस्लिम लड़की सलीमा से उसे प्यार हो जाता है और बात शादी तक चली जाती है। लड़की के परिवार वाले विरोध कर रहे थे। 1 फरवरी 2018 की रात लड़की के परिजन अंकित के घर पहुँच कर उसके माता-पिता के साथ मारपीट की और बाद में अंकित की गला काटकर हत्या कर दी। पुलिस के मुताबिक और प्रत्यक्षर्शी के मुताबिक अंकित के मासुका सलीमा के परिवारवालों पर हत्या का आरोप है।
दिल्ली के निवासी नौजवान अंकित सक्सेना को बीच सड़क पर गला रेत कर बेरहमी से हत्या ने हमें सोचने पर मजबूर कर दिया है कि लगातार हिंसक हो रहे एक समुदाय भारतीय सामाज में ऋषि मुनियों के देश में जहाँ ‘‘यत्र नारी पूजयंते तत्र देवता रम्यंते’’ का मंत्र वैदिक सभ्यता मेे दिया गया और इसी सिद्धान्त पर सामाज की रचना की गई वहाँ अब एक नारी की इच्छा की कोई जगह नही है।
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Bilkul sir har kisi ko is per sochna chahiye
जवाब देंहटाएंYe Message Pure Samajh ko padhna chahiye, ki aaj hamlog me kita phark hai
जवाब देंहटाएंसचमुच गहरी चिन्ता का विषय है
जवाब देंहटाएंये तो एकदम सही बात कही हैं, सर आपनें की हमारा समाज कहाँ से कहाँ घुसता जा रहा हैं।
जवाब देंहटाएंलेकिन मेरें नजर में इन गुनहगारों को कड़ी से कड़ी सजा मिलना चाहिए।
ओर हम सारे भारतीय नागरिक से ये अनरोध करते हैं कि वे इस बात पर अमल करें और इसे ज्यादा से ज्यादा share करें।
Please this massage....
Thank you....
VERY GOOD BLOG
जवाब देंहटाएंNice Topic, we should must think about it
जवाब देंहटाएंAlways be honest......
जवाब देंहटाएंAchha likha hai
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लगा पढ़कर सर ऐसे ही ब्लोग्स डालते रहिये i
जवाब देंहटाएंNice blog
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा
जवाब देंहटाएंपढ़ कर बहुत अच्छा लगा
जवाब देंहटाएंसमाज के लिया सचमुच चिंता का विषय है आप ने इस गहरे विषय को संज्ञान लिया इस बात की ख़ुशी है
जवाब देंहटाएंSachmuch Samaj ke liye bahut badi Chinta ka Vishay hai
जवाब देंहटाएंToo bad our Society
जवाब देंहटाएंSociety should be worried about it
जवाब देंहटाएंAysa inshan ko jinay ka koi huk nhi hai
जवाब देंहटाएंNice blog
जवाब देंहटाएंWe should think about it
जवाब देंहटाएंsamaj ki liye chintniye hai
जवाब देंहटाएंVery Nice
जवाब देंहटाएंBilkul sahi hai
जवाब देंहटाएंSabhi Ko sochna chahiye
जवाब देंहटाएंAaz ka samay bohot kharab ho gaya hai
जवाब देंहटाएंSachmuch Chintaniya Vishay hai
जवाब देंहटाएंIsko sudharna jaroori hai
जवाब देंहटाएंham sabhi ko sochna chahiye
जवाब देंहटाएंessa kab tak chalega
जवाब देंहटाएंachha hai
जवाब देंहटाएंvery nice sambednaahin society
जवाब देंहटाएंvery nice sambadhanaheen samaj
जवाब देंहटाएंVery nice blog
जवाब देंहटाएंSamaj ke liye chinta ki bat hai
जवाब देंहटाएंसमाज को इस विषय पर सोचना चाहिए
जवाब देंहटाएंसोचनीय विषय है
जवाब देंहटाएंसमाज को गन्दगी से निकलना होगा
जवाब देंहटाएंVery Nice blog
जवाब देंहटाएंहम केवल पढ़ते हैं फिर भूल जाते हैं फिर ऐसी घटना होती है भला बुरा कह कर फिर अपने काम में लग जाते हैं लेकिन उसके लिए कुछ भी नहीं करते हैं यह चिंता का विषय है
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